इस दौरान सीडी चलाई तो गाने बजने लगे। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सीडी इस मामले का अहम सबूत थीं। इनके बिना मामला अदालत में टिक नहीं पाएगा। दिल्ली फॉरेंसिक लैब की जांच में दोनों सीडी में अप्राकृतिक कृत्य की पुष्टि हुई थी। मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी। सीडी गायब होने के बाद प्रशासन में उथल-पुथल मची है।
पुलिस ने कहा कि यह साजिश है या कोई लापरवाही? इसकी जांच वही फॉरेंसिक एक्सपर्ट करेंगे, जिन्होंने दोनों की जांच लैब में की थी।
नहीं मिले साइन फरियादी का कहना है कि उन्होंने दोनों सीडी पर हस्ताक्षर कर 07 जुलाई 2013 को हबीबगंज के तत्कालीन थाना प्रभारी जीपी अग्रवाल को जब्त कराई थी। एक सीडी 29 अप्रैल 2013 और दूसरी सीडी 16 मई 2013 को बनाई गई थी। छह फरवरी को अदालत में जिन दोनों सीडी को पेश किया गया, उन पर मेरे साइन गायब मिले। उन्होंने इसे केस को कमजोर करने की एक साजिश बताया।-नारायण सिंह राजपूत, लोक अभियोजक
रहा है।
-अजय मिश्रा, पूर्व महाधिवक्ता
-भूपेन्द्र सिंह, सीएसपी हबीबगंज
-राघवजी, पूर्व वित्त मंत्री