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साइबर पुलिस के पास ऐसी घटनाओं की चार से पांच शिकायतें दर्ज हुई हैं। हालांकि अधिकारी ये मानते हैं कि इन घटनाओं के शिकार बहुत लोग हैं, लेकिन शर्म और संकोच के कारण वे पुलिस तक नहीं पहुंचते और यहीं से इन साइबर अपराधियों का हौसला बढ़ता जाता है और वे निडर होकर वारादातों को अंजाम देते हैं।
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यह सावधानियां बरतें और ठगी से बचें
इस प्रकार के मामलों में पांच से दस हजार रुपए लेने की जानकारी अधिकारियों को पता चली है, लेकिन वे मानते हैं कि लोगों के स्टेटस के हिसाब से मोटी रकम भी वसूली जाती है। इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से राशि निकाले जाने की शिकायतें साइबर पुलिस के पास पहुंची है। इसमें फोन पर व्यक्तिगत जानकारी देना धोखे का कारण बना है। बैंक खाते और व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर अपराधी इंटरनेट बैंकिंग की सेवा ले लेते हैं और राशि निकाल लेते हैं। यह भी पता चला है कि अपराधियों ने व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर अपना फोन नंबर खाते के साथ लिंक करवाया और फिर धोखाधड़ी की।
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गुरुकरण सिंह, एसपी, साइबर सेल ने बताया कि फेसबुक पर कॉल के माध्यम से ब्लैकमेलिंग और इंटरनेट बैंकिंग की सेवा शुरू कर धोखाघड़ी की शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच जारी हैं। लोग सतर्कता बरतकर धोखाधड़ी से बच सकते हैं।सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। जिस लिंक पर शक हो उसे क्लिक न करें और यदि वीडियो कॉल शुरू होता है तो उस साइट से तत्काल बाहर आ जाएं। सोशल मीडिया फ्रेंड को व्यक्तिगत जानकारी न दें।