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पास्को एक्ट को लेकर एक मंच पर आए स्वयं सेवी संगठन, जनता को करेंगे जागरुक

locationभोपालPublished: Jan 20, 2019 01:16:49 pm

Submitted by:

Radhyshyam dangi

बच्चों के लिए काम करने वाली कई संस्थाएं पहली बार भोपाल में तैयार करेंगी मेमोरेंडम

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भोपाल. बच्चों के साथ होने वाले यौन दुव्र्यवहार के खिलाफ एवं पास्को एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पहली बार भोपाल में आज कई बड़ी संस्थाएं एक मंच पर आएंगी। बच्चों के लिए लैंगिग हिंसामुक्त समजा बनाने के लिए सभी संस्थाएं रविवार को भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम से मैराथन रेस की शुरुआत करेंगी।
एडीपी, वल्र्ड विजन, रक्षिता वेलफेयर सोसायटी, हिफाजत और बचपन जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने पहली बार मंच साझाकर बच्चों साथ होने वाले लैंगिग अपराधों के खिलाफ आवाज उठाई है। अभी तक अलग-अलग संगठन अपने स्तरों पर इस बुराई को उठाते आए हैं। हिफाजत संस्था की रेखा श्रीधर ने शविार को रविंद्र भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि जिस तरह महिला शोषण के मामले उजागर हो रहे है, वह जागरुकता का परिणाम है। इसी तरह बच्चों यौन शोषण के मामलों को भी उजागर करने के लिए समाज में जागरुकता आवश्यक है।
लोगों को जागरुक करने के लिए ही सभी संस्थाएं एक होकर जन जागरुकता का संदेश देगी। बचपन संस्था के संजय कुमार सिंह ने बताया कि सामाजिक-शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से ९ दिवसीय आयोजन होगा। इसमें लैंगिग हिंसामुक्त समाज बनाने को लेकर सभी संस्थाएं एक अभियान चलाएगी। पाक्सो एक्ट में हुए बदलवों, उसके प्रभावी क्रियान्वयन को जनता के बीच पेश किया जाएगा।
9 दिवसीय अभियान के बाद तैयार होगा मेमोरेंडम

वल्र्ड विजन एडीपी के मैनेजर मेल्बी थॉमस ने बताया कि बच्चों के लैंगिग शोषण की समस्या से निपटने के लिए बहुत काम की जरुरत है। पाक्सो एक्ट में समय-समय पर किए गए संशोधनों के बाद शोषण के एेसे मामलों में कठोर सजा का प्रावधन है, लेकिन जागरुकता का अभी भी अभाव है। उन्होंने बताया कि जन-जन तक जागरुकता लाना किसी भी अपराध को कम करने में बेहतर तरीका हो सकता है।
इसी को ध्यान में रखकर २० जनवरी से २८ जनवरी तक ९ दिवसीय अभियान चलाने का फैसला लिया है। इस दौरान जो भी मुख्य बिंदु सामने आएंगे, उनके आधार पर एक मेमोरेंडम तैयार कर सरकार को सौंपा जाएगा। इसमें बच्चों की हिफाजत से लेकर सुरक्षा, पाक्सो एक्ट के प्रति जन जागरुकता आदि महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए जाएंगे।
मैराथन, नुक्कड़ और टॉक शो
नौ दिनों में सभी सहभागी संस्थाओं द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं में टॉक शो, मैराथन, हस्ताक्षर अभियान, नुक्कड़-नाटकों के जरिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। पाक्सो एक्ट को जन प्रिय बनाने की कोशिश की जाएगी। आम व्यक्ति की समझ से पाक्सो एक्ट अभी परे हैं, इसलिए इसके प्रावधानों आदि को बताया जाएगा।
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