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स्लॉटर हाउस शिफ्ट करने 14 हफ्ते में पूरी करें टेंडर प्रक्रिया

locationभोपालPublished: Jan 30, 2019 08:23:40 am

एनजीटी ने दिया महापौर को आदेश, कहा चुनी गई कंपनी को भी स्पष्ट करें कि जल्द पूरा करे निर्माण, तय प्लान से जितने दिन पहले काम पूरा होगा काम उतने दिन की पेनाल्टी होगी माफ , तब तक हर महीने देनी होगी प्रोग्रेस रिपोर्ट

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एनजीटी में स्लॉटर हाउस मामले की सुनवाई के दौरान महापौर और निगम कमिश्नर पेश हुए। ट्रिब्यूनल ने महापौर से ही पूछा कि स्लॉटर हाउस शिफ्टिंग में क्या परेशानी है और इसकी प्रक्रिया कब तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद एनजीटी ने आदेश दिया कि 14 हफ्ते में हर हाल में 100 पशुओं की स्लॉटरिंग करने वाला स्लॉटर हाउस नए स्थान पर बनाने के लिए डीपीआर और टेंडरिंग की प्रक्रिया पूरी करें।
इसके बाद चुनी गई कंपनी को भी ताकीद करें कि इसका निर्माण जल्द से जल्द करना है। तय समय से जितने दिन पहले काम खत्म हो जाएगा उतने दिन की पेनाल्टी माफ कर दी जाएगी। इसकी हर माह प्रोग्रेस रिपोर्ट देना होगी। यदि प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई तो उसके अनुसार ऑर्डर पारित किया जाएगा। एनजीटी ने महापौर से साफ कहा कि इस संबंध में आज जो कुछ कहना है कह लें, इसके बाद कुछ नहीं सुनेंगे। इस मुगालते में मत रहना कि अगली बार कुछ निवेदन कर लोगे। अगली बार वर्ड टू वर्ड आदेश का पालन करना होगा।
एनजीटी सेंट्रल जोनल बेंच में मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से विनोद कुमार कोरी की याचिका पर सुनवाई हुई। एनजीटी के जुडीशियल मेंबर जस्टिस रघुवेंन्द्र एस राठौर और सत्यवान सिंह गर्बयाल की बेंच ने सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया। एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को तय की है। इस दिन नगर निगम को प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करना होगी।
एक हजार की बजाय 100 पशुओं की क्षमता का बनेगा नया स्लॉटर हाउस

सुनवाई के दौरान एनजीटी ने महापौर आलोक शर्मा से पूछा कि स्लॉटर हाउस शिफ्टिंग में क्या दिक्कत है। इस पर शर्मा ने बताया कि पहले अधिकारियों ने 1000 पशुओं की क्षमता का स्लॉटर हाउस बनाने का प्लान बना लिया था। इसमें निगम परिषद को आपत्ति थी। क्योंकि हम नहीं चाहते कि भोपाल मांस की मंडी बने। इसलिए प्रस्ताव निरस्त हो गया था।
अब भोपाल की जरूरत के अनुसार स्लॉटर हाउस बनाने का प्रस्ताव 25 जनवरी की बैठक में पास हो गया है। इसके बाद एनजीटी ने भी अपने आदेश में 100 पशुओं की स्लॉटरिंग का स्लॉटर हाउस बनाने के लिए समय सीमा तय कर दी है।
एनजीटी और महापौर के बीच ऐसे हुए सवाल जवाब

एनजीटी- आप मेयर कब से हैं।

मेयर- वर्ष 2015 से।

एनजीटी- वर्तमान जरूरत के अनुसार स्लॉटर हाउस को शिफ्ट करने में क्या दिक्कत है।
मेयर- पहले दिक्कत थी, अब 100 की क्षमता वाले में नहीं है।

एनजीटी- हमें इससे मतलब नहीं कि कितनी क्षमता का बने, हमारा सरोकार इतना है कि वर्तमान में शहर के बीच आबादी से घिरा स्लॉटर हाउस शहर से बाहर हो जाए। इसे आप कब तक बाहर शिफ्ट कर देंगे।
मेयर- जल्दी कर देंगे।

एनजीटी- हमारे यहां आपकी परिषद की बैठक जैसे गोलमाल जवाब नहीं चलते। सही बताइए कितने दिन चाहिए।

मेयर- पूरी प्रक्रिया के दिन गिनाते हैं। इसके बाद एनजीटी ने पूछा कि कुल कितने दिन हुए तो कमिश्नर से पूछते हैं कितने दिन हुए, बाद में कहते हैं कि 4-5 माह। इतने में पीछे से आवाज आती है 13 हफ्ते।
एनजीटी- आपको 13 की जगह 14 हफ्ते दे रहे हैं। लेकिन यह भी याद रखना कि मार्च 18 के बाद से 10 हजार रूपए प्रतिदिन पेनाल्टी लग रही है। इसका हिसाब भी अपने एकाउंटेंट से लगवा लेना। पेनाल्टी का मीटर लगातार चल रहा है।
मेयर- सर, 20 हफ्ते दे दीजिए।

एनजीटी- अरे आप तो दुकानदार जैसा मोलभाव करने लगे।

मेयर- सर, पेनाल्टी माफ कर दीजिए तो उस राशि से जनहित के कुछ काम हो जाएंगे।

एनजीटी- पेनाल्टी माफ नहीं होगी। आज आप जो वादा कर रहे हैं उससे जितने दिन पहले काम खत्म कर लेंगे उतने दिन की पेनाल्टी माफ कर देंगे। एक साल में करीब 36.5 लाख पेनाल्टी हो रही है। इससे हम भी वहां आसपास हरियाली वगैरह करा देंगे। यह बताएं कि टेंडरिंग के बाद 100 पशुओं की क्षमता का स्लॉटर हाउस बनने में कितना समय लगेगा।
मेयर- इसमें करीब एक साल लग जाएगा।

एनजीटी- आप वकीलों की भाषा मत बोलिए। जब टेंडर छूटे तो यह ध्यान रखें कि संबंधित कंपनी को भी ताकीद करें कि इसका निर्माण जल्द से जल्द करना है।
मेयर- जी, हम इसे टेंडर की शर्तों में ही डलवा देंगे।

एनजीटी- स्लॉटर हाउस के लिए जगह तो सुनिश्चित है, उसमें कोई झगड़ा तो नहीं।

मेयर- स्लॉटर हाउस के लिए आदमपुर छावनी में 10 एकड़ जमीन आवंटित है। इसका हमने सीमांकन भी करा लिया है।
एनजीटी- आपकी मेयरशिप का पीरियड कब तक है।

मेयर- वर्ष 2020 तक है।

एनजीटी- स्लॉटर हाउस शिफ्टिंग का काम आपको अपने पीरियड में ही कराना पड़ेगा। हम शर्माजी के इसी टेन्योर में कंपलीट कराएंगे।
मेयर- ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन कराया जाएगा।

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