उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर 2018 रविवार को कलियासोत डैम में जल संसाधन विभाग की परमीशन के बिना मड कार रैली आयोजित की गई थी। वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट राशिद नूर खान ने रैली से पर्यावरण, जलीय जंतुओं व वन्यजीवों को खतरा बताते हुए रोकने के लिए कलेक्टर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीएफओ वन विभाग व कमिश्नर नगर निगम से शिकायत की थी।
शिकायत के बावजूद आयोजकों ने रैली संपन्न करवा ली थी। रैली स्थल से प्राणियों के कुचले हुए अंडे मिल थे और कुछ अन्य जलीय व वन्यजीवों के मृत होने की भी आशंका व्यक्त की गई थी। बड़ी मात्रा में खाने-पीने की चीजों का कचरा, पैकिंग के रैपर, प्लास्टिक के कई सामान, पॉलिथिन आदि कचरा भी वाटर बॉडी में डाला गया।
30 जून 2019 को होने जा रही मड रेस की परमीशन भी तत्कालीन एसडीएम हुजूर राजकुमार खत्री ने बी-106 अरेरा कॉलोनी निवासी आदित्य सिसौदिया को आदेश क्रमांक 110/आविद/2019 दिनांक 11 जून 2019 के माध्यम से प्रदान की थी। इसकी भी शिकायत की गई।
मड रेस के कारण होने वाले वाहनों व मानवों के जमावड़े से जैव विविधता भरे जल क्षेत्र को बचाने के लिए संबंधित विभागों ने लीपपोत की। इससे वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1974, इंडियन वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 और बॉयोलॉजिकल डायवर्सिटी एक्ट 2002 के नियम-प्रावधानों का उल्लंघन होता रहा और अधिकारी चुप्पी साधे रहे। इससे संबंधित खबरें पत्रिका एक्सपोज ने 4.10.2018, 6.10.2018, 20.06.219 को प्रकाशित कर मामले को प्रमुखता से उठाया।
29 जून 2019 को एनजीटी के चेयरमैन, शहरी विकास एवं पर्यावरण विभाग मप्र के प्रिंसिपल सेके्रटरी, भोपाल कलेक्टर, रीजनल अफसर एमपीपीसीबी, चेयरमैन एमपी स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी को राशिद नूर खान ने शिकायत की।
इसी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने प्रकरण संख्या 832/2019 दर्ज कर सुनवाई शुरू की। इसी प्रकरण में एनजीटी ने मड कार रैली के आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड और एमपी स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी को निर्देश दिए।
एनजीटी के आदेश पालन किया जाएगा। प्रकरण में कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभागों को भी कहा जा रहा है।
– डॉ. आरएस कोरी, सदस्य सचिव, एमपीपीसीबी