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सुविधा-सुरक्षा के नाम पर नौ तरह के शुल्क, फिर भी न खाते सुरक्षित न एटीएम

locationभोपालPublished: Jun 15, 2018 08:35:46 am

Submitted by:

Rohit verma

खाता-एटीएम से रकम उड़ाने के बाद न मैसेज आते न ही बैंक के पास अलर्ट

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सुविधा-सुरक्षा के नाम पर नौ तरह के शुल्क, फिर भी न खाते सुरक्षित न एटीएम

भोपाल. खाता धारकों से सुविधा-सुरक्षा के नाम पर बैंक नौ तरह के शुल्क वसूल रहे हैं, बावजूद इसके आमजनों के रुपए सुरक्षित नहीं हैं। हालात यह है कि खाता धारकों के रुपए निकाले जाने पर घंटों बाद तक मोबाइल पर मैसेज नहीं आता। एटीएम में लूट, चोरी की वारदात होने पर बैंक को अलर्ट नहीं मिलता।
बैंक उपभोक्तओं से शुल्क के रूप में वसूले जाने वाले करोड़ों रुपए सुरक्षा पर खर्च करने का दावा करते हैं। व्यवस्था के बारे में पूछने पर टका सा जवाब मिलता है कि सारी सुरक्षा व्यवस्था आउटसोर्स एजेंसियों को दे रखी हैं। ऐसे में बैंक की लापरवाही का खामियाजा खाता धारक भुगतने को मजबूर हैं।
इसका अंदाजा हाल ही में बैंक खातों से साइबर जालसाजों द्वारा उड़ाई गई रकम व एटीएम में हुई चोरी, लूट की घटनाओं से लगाया जा सकता है। इधर, पिपलानी इलाके में एटीएम से १३ लाख रुपए से अधिक रकम उड़ाने वाले बदमाशों को पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है।
बड़ा सवाल: खाता धारक से हर सुविधा का शुल्क तो उसके खाते की सुरक्षा क्यों नहीं

शुल्क-1: डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड पर 125 से 300 रुपए के साथ जीएसटी।

शुल्क-2: डुप्लीकेट पिन रि-जनरेशन के लिए 50 रुपए के साथ जीएसटी।
शुल्क-3: अपने बैंक खाते से एटीएम से ट्रांजेक्शन पांच बार से अधिक होने पर 10 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन साथ में जीएसटी।
शुल्क-4: फोन बैंकिंग चार्ज में अकाउंट स्टेटमेंट के 44 रुपए के साथ जीएसटी।

शुल्क-5: बिल पेमेंट पर ट्रांजेक्शन अमाउंट का एक प्रतिशत साथ में जीएसटी।

शुल्क-6: मोबाइल बैंकिंग 2 रुपए से 12 प्रति ट्रांजेक्शन साथ में जीएसटी।
शुल्क-7: बालेट से खाते में फंड ट्रांसफर पर 2.5 प्रतिशत साथ में जीएसटी।
शुल्क-8: फंड ट्रांसफर वालेट टू वालेट पर 2 प्रतिशत साथ में जीएसटी।

शुल्क-9: दूसरों बैंकों के एटीएम से ट्रांजेक्शन 3 बार से ज्यादा होने पर 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन साथ में जीएसटी।

इन केसों से समझें आपके रुपए पर बैंक कितने लापरवाह
केस-1
जनवरी 2018: खजूरी कला निवासी पान-मसाला कारोबारी कैलाश राजपूत ने ऑनलाइन शापिंग एप के जरिए शर्ट बुक की। जालसाज ने उनके खाते से जानकारी लेकर 23 हजार रुपए उड़ा दिए। कई घंटे बाद ट्रांजेक्शन का मैसेज आया। अब भी पैसा वापस नहीं मिला।

केस-2
जनवरी 2017: चौकसे नगर निवासी टमाटर कारोबारी राजेन्द्र सैनी के बेटे से जालसाज ने एटीएम की जानकारी पूछकर 84 हजार रुपए निकाले। तीन घंटे बाद उन्हें ट्रांजेक्शन का मैसेज मिला। अब तक रकम बैंक से वापस नहीं मिली।

केस-3
अप्रैल-जून 2018: मिसरोद के दानिश नगर गेट के पास एसबीआई का एटीएम काटकर बदमाश पौने पांच लाख रुपए ले गए। पिपलानी में एसबीआई के एटीएम का पासवर्ड डालकर 13.80 लाख रुपए चोरी कर ले गए। दोनों घटनाओं में बैंक को अलर्ट तक नहीं मिला।

2017-18 में सवा छह करोड़ ठगे, 70 लाख रिफंड कराए
साइबर जालसाजों ने वर्ष 2017 में 5,02,34,324 करोड़ रुपए की ठगी की है। इसमें करीब 59 लाख की राशि साइबर सेल ने रिफंड कराई। इसी तरह जनवरी 2018 से अब तक सवा करोड़ रुपए से अधिक की रकम ठगने में जालसाज कामयाब रहे।
– 2017 में एटीएम, ओटीपी, क्रेडिट कार्ड से ठगी की 1356 शिकायतें साइबर सेल में दर्ज हुईं।
– कुल साइबर अपराधों में 58 प्रतिशत बैंकिंग फ्राड को अंजाम दे रहे हाइटेक जालसाज।

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