इस 9 सदस्यीय समिति में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नीति आयोग ( NITI Aayog ) के सदस्य सचिव प्रो. रमेशचंद्र भी हैं। समिति में 7 मुख्यमंत्रियों में 5 भाजपा शासित राज्यों के देवेंद्र फडणवीस-महाराष्ट्र, मनोहर लाल खट्टर-हरियाणा, पेमा खांडू-अरुणाचल प्रदेश, विजय रूपाणी-गुजरात, योगी आदित्यनाथ-उत्तर प्रदेश को लिया गया है।
इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्य मध्यप्रदेश से कमलनाथ और जद (एस) शासित कर्नाटक से मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी को शामिल किया है।
ये अनुशंसा करेगी: कृषि व्यवसाय में निजी निवेशकों को आकर्षित करना।
: ई-नाम, ग्राम और अन्य केंद्र संचालित योजनाओं को बाजार से जोडऩे के लिए मैकेनिज्म तैयार करना।
: कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नीति सुझाना।
: फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में विस्तार की संभावनाएं तलाशना। इसमें आधुनिक बाजार, अधोसंरचना और लॉजिस्टिक श्रृंखला में निवेश के लिए उपाय सुझाना।
: वैश्विक मानक स्तर की कृषि तकनीकि को लागू करवाना।
पांच जुलाई को वापस दिल्ली रवाना हो जाएगी। 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह हैं। साथ ही सदस्य के रूप में भारत सरकार के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास, जार्ज टाउन विश्वविद्यालय वॉशिंगटन के सहायक प्रोफेसर अनूप सिंह, नीति आयोग सदस्य रमेश चंद्र व बैंकिंग सेक्टर के अशोक लाहिड़ी भी टीम में हैं।
यह टीम प्रदेश के वित्त विभाग सहित अन्य विभागों से चर्चा करेगी। इसमें केंद्र और राज्यों के घाटे, राज्यों के कर्ज, राजकोषीय अनुशासन और जीएसटी के असर को लेकर आकलन होगा। मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति और आगामी कार्ययोजनाओं पर भी चर्चा होगी।
यह टीम केंद्र व राज्यों के बीच वित्तीय व्यवहार की आगामी रूपरेखा को तय करती है। इसी के तहत विभिन्न राज्यों से टीम चर्चा कर रही है। इसके बाद अपनी रिपोर्ट अक्टूबर 2019 तक केंद्र सरकार को देगी। इस आयोग की सिफारिशें अप्रेल 2020 से लागू की जाएंगी।
दिनभर होती रही तैयारी
मंत्रालय में सोमवार को पंद्रहवे वित्त आयोग के दौरे की तैयारी दिनभर होती रही। वित्त विभाग ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन भी तैयार किया है। इसे आयोग की टीम को दिखाया जाएगा। इसके अलावा जीएसटी सहित अन्य मामलो में राज्य के हालात का आकलन किया गया है। मध्यप्रदेश केंद्रीय आयोग की टीम को अपनी सिफारिशें भी देगा।