scriptगौरव, महाकाली, हेमा, गुलाबी, सहित आधा दर्जन से ज्यादा सोसायटियों में कोई कार्रवाई नहीं, वेबसाइट पर सूची अपलोड करना दूर की बात | No action in more than half a dozen societies including Gaurav, Mahaka | Patrika News

गौरव, महाकाली, हेमा, गुलाबी, सहित आधा दर्जन से ज्यादा सोसायटियों में कोई कार्रवाई नहीं, वेबसाइट पर सूची अपलोड करना दूर की बात

locationभोपालPublished: Nov 25, 2021 08:55:41 pm

– सहकारिता मंत्री की नाराजगी के बाद शहर की विवादित सोसायटियों पर शिकंजा कसने के नाम पर हुई खानापूर्ति

गौरव, महाकाली, हेमा, गुलाबी, सहित आधा दर्जन से ज्यादा सोसायटियों में कोई कार्रवाई नहीं, वेबसाइट पर सूची अपलोड करना दूर की बात

– सहकारिता मंत्री की नाराजगी के बाद शहर की विवादित सोसायटियों पर शिकंजा कसने के नाम पर हुई खानापूर्ति

भोपाल. गृह निर्माण सोसायटियों में हुए प्लॉट आवंटन घोटाले में पूर्व की विवादित सोसायटियों में हुई जांच सिर्फ दिखावा ही साबित हो रही है। चर्चित गौरव, महाकाली, हेमा, गुलाबी, न्यू मित्र मंडल गृह निर्माण समितियों को लेकर अध्यक्षों पर एफआईआर तक हुई। एक सोसायटी में कई पद संभालने वाले दिनेश त्रिवेदी पर कागजों में शिकंजा कसा गया, लेकिन पीडि़तों को आज भी राहत नहीं मिली। उनकी समस्या वहीं की वहीं है। पूर्व सदस्यों के प्लॉट नंबर ही बदल गए, उनको बाहर कर दिया और उनके स्थान पर दूसरे लोगों को प्लॉट की रजिस्ट्री कर दी गई। इस मामले की शिकायत सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया के भी हुई। निर्देशों के बाद सोयायटियों में हुए घपलों को लेकर 15 साल का रिकॉर्ड प्रशासक और अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को जांच कमेटी को प्रस्तुत करना था, कुछ सोसायटी को छोड़कर किसी ने रिकॉर्ड प्रस्त्ुात नहीं किया।इन सोसायटियों की अधिकांश जमीनें भी बावडिय़ाकला क्षेत्र में हैं। जिनमें अधिकांश पर निर्माण हो चुका है। जो प्लॉट खाली पड़े हैं उनमें विवाद है। अफसर इन विवादों को सुलझाने के बजाए कागज पर कागज चला रहे हैं।

वेबसाइट पर अपलोड नहीं की सूची
विवादित सोसायटियों में परदर्शिता बरतने को लेकर अफसरों ने विभाग की साइट पर सोसायटियों की जानकारी अपलोड करने के निर्देश दिए थे। जिसका अभी तक किसी ने पालन नहीं किया। यहां तक की ऑडिट रिपोर्ट दिए ही वर्षों हो गए। ऐसे में विवादित सोसायटी चाहे वो रोहित गृह निर्माण से लेकर बाकी अन्य में पीडि़तों को राहत मिलती नहीं दिख रही। इधर विभाग को कुछ सोसायटियों ने आधा अधूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत किया है। जो एड्रस दिए गए हैं जांच में वे भी गलत निकल रहे हैं। इससे साफ होता है कि सोसायटी माफिया पर विभाग के अधिकारियों का खौफ तो है ही नहीं।

वर्जन

सोसायटियों से उनके रिकॉर्ड की जानकारी मांगी गई थी, कुछ सोसायटियों का आधा अधूरा रिकॉर्ड मिला है। इस संबंध में फिर से पत्र जारी किया जाएगा। वेबसाइट पर जानकारी को लेकर फिर से रिमाइंडर देंगे।

डा. बबलू सातकनर, उपायुक्त सहकारिता

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