scriptदिग्विजय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन पर फैसला नहीं | No decision on abducting privilege against Digvijay | Patrika News

दिग्विजय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन पर फैसला नहीं

locationभोपालPublished: Feb 27, 2019 08:32:12 am

– मंत्रियों और विधायकों के काम-काज में दखल का है आरोप

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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन के मामले में कोई फैसला नहीं हुआ है। हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आरोप लगाया गया था कि दिग्विजय मंत्रियों और विधायकों के कत्र्तव्यों को प्रभावित कर रहे हैं।
मंदसौर गोलीकाण्ड, नर्मदा किनारे पौधरोपण को लेकर विधानसभा में मंत्रियों के लिखित जबाव पर दिग्विजय ने मंत्रियों को आड़े हाथों लिया था। कांग्रेस पार्टी इन मामलों को मुद्दा बनाती रही और मंत्रियों ने अपने जवाब में क्लीन चिट दे दी। इसी को लेकर दिग्विजय ने मंत्रियों को फटकार भी लगाई थी। सदन में इस मुद्दे को लेकर खास हंगामा हुआ।
इस पर भाजपा ने दिग्विजय को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि वे सदन के बाहर टीका टिप्पणी कर मंत्रियों के काम-काज में अडग़ा डाल रहे हैं। विधानसभा सचिवालय ने विशेषाधिकार हनन की सूचना स्वीकार तो कर ली लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। विधानसभा प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने स्वीकार किया कि इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। स्पीकर के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विशेषाधिकार समिति का गठन शेष –
विधानसभा की विभिन्न समितियों का गठन तो हो चुका है लेकिन विशेषाधिकार हनन समिति का गठन अभी नहीं हुआ है। स्पीकर को यदि लगता है कि मामला विशेषाधिकार हनन का है तो वे समिति के समक्ष प्रस्ताव भेजते हैं। समिति साक्ष्य जुटाने के साथ संबंधितों के बयान भी लेती है।

बैकफुट पर सरकार, सियासत गरमाई –
दिग्विजय ने मंदसौर गोलीकांड, सिंहस्थ घोटाले और नर्मदा किनारे हुए पौधरोपण में विधानसभा में दिए जवाब में सरकार के बैकफुट पर आने के पीछे मंत्रियों के बजाए अधिकारियों को दोषी बताया है। सिंह ने इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भी लिखा था। जिससे सियासत गरमाई थी।
नाथ ने संबंधित विभागों के अफसरों से जवाब तलब किया। सिंह ने सलाह दी कि मुख्यमंत्री अधिकारियों को निर्देशित करें किआगे से विधानसभा के जवाब जब तैयार हों तो उसमें अधिकारियो की जिम्मेदारी तय की जाए।
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