भोपाल

आगनबाडि़यों के हाल, एक भी जिला बेहतर नहीं

कुपोषण के दंश से ग्रसित आगनबाडि़यों की ग्रेडिंग

भोपालApr 02, 2018 / 10:29 am

Rohit verma

भोपाल. प्रदेश में कुपोषण के दंश से आगनबाडि़यों की परफार्मेंस भी गिरी है। राज्य के १० संभाग में से पांच की हालत मूल्यांकन रिपोर्ट में खराब आई है। जिला आधार पर २७ जिले नॉन-परफार्मर पाए गए हंै, उन्हें सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। एक ओर पोषण आहार की आपूर्ति को लेकर सरकार घिरी हुई है, तो दूसरी ओर आगनबाडि़यों की सेहत सुधारने की मशक्कत कर रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने ३१ मार्च को सभी जिलों को मुख्यालय से जनवरी २०१८ की ग्रेडिंग रिपोर्ट भेजी है। इसमें खराब परफार्मेंस वाले जिलों को चेतावनी के साथ काम सुधारने को कहा है। आगनबाडि़यों का बजट उनकी परफार्मेंस पर निर्भर करेगा। आगनबाडि़यों की चार स्तर पर ग्रेडिंग तैयार की गई है। पहली संभागवार, दूसरी जिला
आधारित और तीसरी परियोजना अधारित है। अंत में आगनबाड़ी की ग्रेडिंग होगी।

यह हैं जिलों के हाल
संभागवार ग्रेडिंग में एक भी संभाग को ए ग्रेड नहीं मिला। १० में से जबलपुर, इंदौर व होशंगाबाद बी-ग्रेड में हैं, बाकी सात संभाग सी-ग्रेड में हैं। इसमें भोपाल व ग्वालियर संभाग भी शामिल हैं। जिले में दो जिले ए-ग्रेड, २१ जिले बी-ग्रेड और २७ जिले सी-ग्रेड और एक जिला पन्ना इससे भी बाहर डी-ग्रेड में आया है। पन्ना को प्रदेश में सबसे कम २९.२८ फीसदी अंक मिले। ए-ग्रेड के ६० फीसदी से ज्यादा अंक वाले खंडवा और बड़वानी जिले हैं। सबसे ज्यादा खंडवा को ६२.०२ फीसदी अंक मिले। इंदौर-भोपाल जैसे शहरों को छोड़कर खंडवा और बड़वानी जिले सबसे अव्वल ए-ग्रेड में आए हैं।

२८ सूचकांक पर ग्रेडिंग
यह ग्रेडिंग २८ सूचकांक पर की गई है। इसमें कुपोषण, मध्याह्न भोजन, अक्षर-ज्ञान, आगनबाड़ी संचालन, नामांकन, निरीक्षण सहित अन्य योजनाओं पर मार्किंग की गई है।
९६ हजार आगनबाडि़यां ग्रेडिंग प्रक्रिया में शामिल
०२ जिले ए-ग्रेड में खंडवा और बड़वानी
६२.०२ फीसदी सबसे ज्यादा अंक खंडवा के
२१ जिले बी-ग्रेड में प्रदेश के
२७ जिले सी-ग्रेड में प्रदेश के
०१ जिला सबसे खराब डी-ग्रेड में आया
२९.२८ प्रतिशत सबसे कम पन्ना जिले के अंक

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