फिटनेस के लिए जहां शहर में साइकिलों का चलन स्वास्थ्य सुविधा के रूप में बढ़ता जा रहा है। वहीं भेल कर्मचारियों की थ्रिफ्ट सोसायटी ने भी पिछले साल लाभ में कर्मचारियों को करीब पांच हजार साइकिलें गिफ्ट की, लेकिन साइकिल चलाने व यातायात के नियम सिखाने वाले शहर के पहले पार्क पर ध्यान नहीं दिया। भेल प्रबंधन खुद इसका संचालन नहीं करना चाहता है। ठेके पर इसे चलाने की कोशिश हो रही है लेकिन कोई लेने तैयार नहीं है। यहां आने वाले बिजली बिल और मेंटेनेंस के खर्च के कारण सभी पीछे हट रहे हैं।
इस कारण हुआ था बंद
इसके इंतजामों का जिम्मा पहले भेल प्रशासन के ही पास था। करीब आठ साल पहले वाहन सीखते हुए यातायात पार्क में कुछ बच्चों को चोट आ गई थी। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि भेल ने इसका संचालन ही बंद कर दिया। इसकेे बाद ठेके पर चलाने का निर्णय लिया था। शुरुआती दौर में तो प्रक्रिया चली लेकिन बाद में खर्च अधिक बता सभी ने हाथ खींच लिए।
हादसों का सरदर्द नहीं लेना चाहता प्रबंधन
भेल अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन ने इसे 80 के दशक में शुरू किया था। यहां यातायात सिग्नल, संकेतक, सड़कों पर क्रांसिग सहित दूसरी वे सभी जानकारियां हैं जो वाहन चालक के लिए जरूरी हैं।
यातायात पार्क के संचालन के लिए कई बार टेंडर निकाला,लेकिन किसी ने टेंडर ही नहीं भरा। पार्क में साइकिल सिखाने और नियम बताने की व्यवस्था लम्बे समय से बंद है। प्रबंधन इसकी रिस्क नहीं लेना चाहता। ठेकेदार कहते हंै कि इससे ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है।
विनोदानंद झा, डीजीएम व प्रवक्ता,भेल