कक्षा एक से 8वीं के लिए अभ्यास पुस्तिका, वर्क बुक और प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाया है। 9वीं के बच्चों के लिए रेमेडियल कोर्स शुरू किया है। इसके लिए करीब 1.70 करोड़ किताबें छापना है। किताबों की संख्या के हिसाब से प्रकाशन के लिए मिलने वाला समय कम है, इसलिए प्रकाशक रुचि नहीं ले रहे हैं।
प्रकाशकों ने नहीं ली टेंडर में रुचि
पाठ्यपुस्तक निगम ने किताबों की छपाई के लिए 98 ग्रुप बनाए। पहला टेंडर २९ मई को निकाला गया, जिसमें ३६ ग्रुप की किताबें छापने के लिए कोई प्रकाशक नहीं आया। वहीं, 29 ग्रुप की किताबों के लिए एक प्रकाशक ने टेंडर में हिस्सा लिया।
11 जून को फिर 55 ग्रुप की किताबों के लिए टेंडर निकाले गए, लेकिन इसमें अभी तक 24 ग्रुप की किताबों के लिए कोई प्रकाशक नहीं आया। शिक्षा सत्र करीब होने के कारण प्रथम टेंडर के 29 ग्रुप की किताबों में से करीब आठ की किताबें सिंगल टेंडर पर ही काम देना पड़ा। कुछ प्रकाशकों को तो क्षमता से अधिक का काम भी दे दिया गया है।
इसलिए जरूरी है कोर्स
बच्चों को पिछली कक्षाओं का अध्ययन करवाया जाएगा। अध्ययन क्षमता बढ़ाने के साथ ही रिवीजन पर फोकस रहेगा, ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। शिक्षा सत्र करीब होने के कारण प्रथम टेंडर के २९ ग्रुप की किताबों में से करीब आठ की किताबें सिंगल टेंडर पर ही काम देना पड़ा। कुछ प्रकाशकों को तो क्षमता से अधिक का काम भी दे दिया गया है।
राज्य शिक्षा केंद्र ने किताबें छापने का काम मई में दिया था। इसके बाद हमने इसकी तैयारी की। दूसरी बार टेंडर निकाला गया है। दूसरे टेंडर में सिंगल बिड पर काम दिया जा सकता है। हम १० जुलाई तक किताबें छाप लेंगे।
– एमआर खान, मुख्य महाप्रबंधक, पाठ्यपुस्तक निगम