सरकार ने नई रेत नीति लाने से पहले दावा किया था कि जनवरी अंत तक पंचायतों को दी जाने वालीे खदानों से उत्खनन कार्य शुरू करा दिया जाएगा, लेकिन अभी ओवरलोड रेत के डंपर राजधानी में लाए जा रहे हैं। हालात ये हैं कि नई नीति के तहत फरवरी में होशंगाबाद की दो चार खदानें ही खुलने की उम्मीद है। हालांकि की जानकारों का कहना है कि खदानों चल रहे भ्रष्टाचार से रेत के मूल्य और भी बढ़ोतरी हो सकती है।
रेत के रेट पर नहीं पड़ा कोई असर
नई रेत नीति आने के बाद सरकार ने अपने खनिज नाके और चौकियां बंद कर दीें। इसका असर ये हुआ कि रेत की ओवरलोडिंग और चोरी बढ़ गई। आज भी राजधानी में रेत के ओवरलोड 900 फीट रेत का डंपर 20 हजार रुपए में और 700 फीट रेत का डंपर 17 हजार रुपए में पड़ रहा है।
भोपाल में है मात्र दो खदानें
राजधानी में बैरसिया में रेत की मात्र दो खदाने हैं। इसमें से भी एक ही सक्रिय है। सारी रेत होशंगाबाद की तरफ से ही आती है। नोटबंदी से पहले 350 डंपर रोजाना आते थे, अब 225-240 डंपर रेत आती है। जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र सिंह परमार का कहना है कि बैरसिया की रेत खदान शुरू होने में अभी 10 से 15 दिन का समय और लगेगा।