scriptनई नीति भी सस्ती नहीं कर पाई रेत, घर बनाने का सपना अब तक महंगा | Not being followed by new sand policy rule | Patrika News

नई नीति भी सस्ती नहीं कर पाई रेत, घर बनाने का सपना अब तक महंगा

locationभोपालPublished: Feb 01, 2018 06:45:27 am

900 फीट रेत का ओवरलोड डंपर 20 हजार और 700 का 17 हजार का, नई रेत नीति में शामिल 700 खदानों में से सिर्फ 140 खदानों में अभी तक सिया और डिया की अनुमति मि

sand mines

भोपाल। नई रेत नीति लागू होने के बाद अभी तक सस्ती रेत जनता से दूर है, घर बनाने का सपना अभी महंगा ही है। 30 जनवरी से खदानों में खनन का कार्य शुरू होना था, लेकिन अभी खनन तो दूर पर्यावरण स्वीकृतियां ही पूरी नहीं हो पा रही हैं। नई रेत नीति में शामिल 700 खदानों में से सिर्फ 140 खदानों में अभी तक सिया और डिया की अनुमति मिल सकी है, उनमें भी उत्खनन शुरू नहीं हो पा रहा है। अलग-अलग जिलों में कई-कई बार प्रजेंटेशन के बाद खदानें पर्यावरण की अनुमति पर खरी नहीं उतर पा रही हैं। इस कारण उनमें समय लग रहा है।

सरकार ने नई रेत नीति लाने से पहले दावा किया था कि जनवरी अंत तक पंचायतों को दी जाने वालीे खदानों से उत्खनन कार्य शुरू करा दिया जाएगा, लेकिन अभी ओवरलोड रेत के डंपर राजधानी में लाए जा रहे हैं। हालात ये हैं कि नई नीति के तहत फरवरी में होशंगाबाद की दो चार खदानें ही खुलने की उम्मीद है। हालांकि की जानकारों का कहना है कि खदानों चल रहे भ्रष्टाचार से रेत के मूल्य और भी बढ़ोतरी हो सकती है।

रेत के रेट पर नहीं पड़ा कोई असर

नई रेत नीति आने के बाद सरकार ने अपने खनिज नाके और चौकियां बंद कर दीें। इसका असर ये हुआ कि रेत की ओवरलोडिंग और चोरी बढ़ गई। आज भी राजधानी में रेत के ओवरलोड 900 फीट रेत का डंपर 20 हजार रुपए में और 700 फीट रेत का डंपर 17 हजार रुपए में पड़ रहा है।

भोपाल में है मात्र दो खदानें

राजधानी में बैरसिया में रेत की मात्र दो खदाने हैं। इसमें से भी एक ही सक्रिय है। सारी रेत होशंगाबाद की तरफ से ही आती है। नोटबंदी से पहले 350 डंपर रोजाना आते थे, अब 225-240 डंपर रेत आती है। जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र सिंह परमार का कहना है कि बैरसिया की रेत खदान शुरू होने में अभी 10 से 15 दिन का समय और लगेगा।

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