scriptटेंडर खोलने वाले 7 विभागों के अफसरों को नोटिस की तैयारी, जल्द होगी पूछताछ | Notice ready for officers of 7 departments, who open the tender | Patrika News

टेंडर खोलने वाले 7 विभागों के अफसरों को नोटिस की तैयारी, जल्द होगी पूछताछ

locationभोपालPublished: Jun 12, 2019 11:09:39 pm

ई-मुद्रा कंपनी की रिपोर्ट बनेगी आधार, डुप्लीकेट डीएससी-की नहीं बन सकती तो कैसे हुई टेंपरिंग?
 

e tender scam

e tender scam

भोपाल. ई-टेंडर घोटाले में जल संसाधन, जल निगम, सडक़ विकास निगम, लोक निर्माण विभाग, पीआईयू जैसे मुख्य आरोपी विभागों के टेंडर खोलने वाले अफसरों को ईओडब्ल्यू ने नोटिस देकर पूछताछ की तैयारी कर ली है। घोटाला अवधि में किस विभाग में किस अधिकारी को टेंडर ओपनिंग अथॉरिटी बनाया गया है और वह कितने समय तक यह काम करते रहा है।
उसकी निजी कंपनियों से किस तरह की नजदीकियां रही है और वह किस स्तर का अधिकारी है, यह जानकारी जुटा ली गई है। अब ईओडब्ल्यू सभी विभागों के टेंडरों से जुड़े अधिकारियों से पूछताछ के लिए नोटिस भेज रहा है।
पांच गिरफ्तारियों, 60 से ज्यादा अलग-अलग अधिकारियों-पदाधिकारियों से पूछताछ, कई दस्तावेजों की छानबीन, सर्ट-इन और ई-मुद्रा कंपनी की जांच रिपोर्ट के बाद ईओडब्ल्यू इस नतीजे पर पहुंचा है कि टेंडर ओपनिंग अथॉरिटी (टेंडर खोलने के लिए अधिकृत सरकारी अधिकारी) की भूमिका संदिग्ध है।
एफआइआर में आरोपी बनाए गए विभागों के अलावा नर्मदा घाटी विकास विभाग, पीएचई, अन्य निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी जैसे टेंडरों से जुड़े अधिकारियों को भी नोटिस देकर बयान लिए जाएंगे।
ई-मुद्रा की रिपोर्ट अहम दस्तावेज

ईओडब्ल्यू ने डीएससी-की का क्लोन बनाकर टेंपरिंग करने की पुष्टि करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट-की बनाने वाले दो वेंडरों के यहां छापा मारकर उनसे भी पूछताछ की थी। अब ईओडब्ल्यू को ई-मुद्रा कंपनी ने साफ लिखकर दे दिया है कि डीएससी-की की कोई भी डुप्लीकेसी नहीं कर सकता।
इसका क्लोन भी नहीं बनाया जा सकता। इसके बाद ईओडब्ल्यू को आशंका है कि अधिकारियों के डीएससी-की का इस्तेमाल गिरफ्तार आरोपियों द्वारा किया गया है। यह अधिकारियों की मिलीभगत और उनकी जानकारी के बिना संभव ही नहीं है। इसलिए ईओडब्ल्यू सबसे पहले सभी आरोपी विभागों के अधिकारियों को तलब करने जा रहा है।
दो-तीन दिन में बारी-बारी से टेंडर खोलने वाले अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। उन्हें नोटिस दिया जा रहा है। ई-मुद्रा कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि डीएससी-की की डुप्लीकेसी नहीं हो सकती और न ही उसका क्लोन तैयार किया जा सकता है। ऐसे में टेंडरों में टेंपरिंग की गई है। इससे यह प्रमाणित होता है कि टेंडर खोलने वाले की भूमिका संदिग्ध रही हो।
– केएन तिवारी, डीजी ईओडब्ल्यू

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो