गांवों को कीचड़ मुक्तकरने वहां छोटी-छोटी नालियां और सडक़ें बनाई जाएंगी। इन नालियों से सडक़ों और घरों के आस-पास रुके हुए बारिश और गंदे पानी को बाहर निकाला जा सकेगा। सरकार दो अक्टूबर को खुले में शौच मुक्त प्रदेश होने की घोषणा करने जा रही है।
इसके बाद सरकार ओडीएफ-प्लस लांच करेगी, जिसमें कचरा और कीचड़ मुक्त गांव बनाने को शामिल किया है। गांव से निकलने वाले अलग-अलग तरह के कचरे को इक_ा करने के लिए पंचायत स्तर पर कचरा घर बनाया जाएगा। ग्राम पंचायतें कचरा घरों में एकत्रित हुए कचरे को ब्लाक स्तर पर कचरा निष्पादन इकाइयों तक पहुंचाने की व्यवस्था करेंगी।
यहां कचरे को री-यूज और रासायनिक तरीके से नष्ट करने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही गांव के लोगों को कचरा प्रबंधन के संबंध में जागरूक किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि कौन सा कचरा जन-जीवन और मिट्टी को प्रभावित करने वाला है।
कचरा प्रबंधन और उसके संग्रहण के संबंध में रणनीति तैयार करने का काम ग्राम पंचायतों को दिया गया है। ग्राम पंचायतें प्रस्ताव तैयार कर उसे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पास भेजेंगी। इससे पहले ग्राम पंचायतें कचरा और कीचड़ प्रबंधन पर कार्ययोजना तैयार कर उसे ग्राम सभा में रखेंगी। प्र्रस्ताव पर आम जतना की भी राय लेना अनिवार्य है।
कचरा और कीचड़ मुक्त गांव बनाने के लिए एजेंडा तैयार कर 15 अगस्त को ग्रामसभा की बैठक में रखा जाएगा।
फिलहाल इसकी शुरुआत उन ग्राम पंचायतों में की जा रही है, जो अब तक पूरी तरह से ओडीएफ हो चुकी हैं। जो गांव ओडीएफ नहीं हो पाए हैं, उनको 30 सितम्बर से पहले ओडीएफ बनाने के निर्देश दिए गए हैं। गांवों को कीचड़ मुक्त बनाने के लिए नाली और सडक़ बनाने की राशि मनरेगा के माध्यम से खर्च की जाएगी।