दरअसल स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) जल्द ई-एफआइआर में बैंकिंग साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करने की सुविधा शुरू करने जा रहा है। फिलहाल इसके मॉड्यूल पर काम जारी है।
अभी तक ई-एफआइआर के जरिये 15 लाख रुपए से कम कीमत के वाहनों की चोरी के अलावा सामान्य चोरी यानी एक लाख रुपए तक के सामान या नकदी राशि की चोरी की एफआइआर दर्ज होती है।
पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट और मप्र पुलिस के ऐप एमपी-ई-कॉप के जरिये ई-एफआइआर की जा सकती है। यहां बता दें, वेबसाइट पर की गई शिकायत के आधार पर संबंधित थाने को 24 घंटे में एफआइआर करना अनिवार्य है।
MP में 2897 ई-एफआइआर
अगस्त 2021 में शुरू किए गए ई-एफआइआर ट्रायल रन और इसके बाद प्रदेश में 2897 ई-एफआइआर दर्ज की गई हैं। अधिकतर केस वाहन चोरी के रहे। अफसरों के मुताबिक, ई-एफआइआर के बाद प्रकरण में संबंधित जांच अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई को भी ई-विवेचना से जोड़ा गया है।
ये शिकायतें हो सकेंगी दर्ज
बैंकिंग फ्रॉड की सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं। इसमें ओटीपी फ्रॉड के साथ पासवर्ड आइडी हैक कर नेटबैंकिंग के जरिए खातों से रुपए निकालना प्रमुख है। पेटीएम या अन्य बैंकिंग प्लेटफार्म के नाम पर धोखाधड़ी के केस सामने आते हैं। इन शिकायतों को जल्द ही ऐप के जरिए मोबाइल से या पुलिस की वेबसाइट से दर्ज किया जा सकेगा।
सबसे पहले दिल्ली में शुरू हुई सुविधा
पहले ई-एफआइआर की सुविधा दिल्ली में शुरू हुई। फिर राजस्थान और यूपी ने इसे अपनाया। वहां की स्टडी के बाद मप्र में पिछले साल अगस्त में यह व्यवस्था शुरू हुई।
ई-एफआइआर में बैंकिंग फ्रॉड के मॉड्यूल पर काम किया जा रहा है। जल्द ही ई-एफआइआर में इसे जोड़ा जाएगा। अभी तक वाहन और सामान्य चोरी के प्रकरण ई-एफआइआर के जरिए संबंधित थानों तक पहुंचाए जाते हैं।
- चंचल शेखर, एडीजी, एससीआरबी