इस नए फैसले के तहत देश में लोगों को अब बूस्टर डोज भी मुफ्त मुहैया कराई जाएगी। यह सुविधा सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर 18 से 59 साल तक के लोगों को मिलेगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 15 जुलाई से विशेष अभियान के तहत यह सुविधा दी जाएगी। पहले की दो वैक्सीन डोज की तरह लोग बूस्टर डोज लगवा सकेंगे।
इससे पहले अप्रैल 2022 के शुरुआती दिनों तकभोपाल जिले में केवल 29 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थ्री। यह डोज तय शुल्क चुकाकर निजी सेंटरों पर लगाई गई। दरअसल राजधानी में 18 से 59 वर्ष तक आयुवर्ग के लोगों को निजी टीकाकरण केन्द्रों में तीसरी डोज लगाने की शुरुआत हुई। इसके लिए प्रति डोज 386 रुपए शुल्क तय किया गया है।
कोविड-19 की बूस्टर डोज की अनिवार्यता के न होने के चलते इसके लिए लोग ऐच्छिक हैं कि वह वैक्सीन की तीसरी डोज लेना चाहते हैं कि नहीं। इससे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज सरकारी टीकाकरण केन्द्रों पर निःशुल्क लगाई गई। भोपाल में 18 से 59 वर्ष के करीब 18 लाख से ज्यादा लोग कोरोना टीकाकरण के लिए रजिस्टर्ड हैं।
इनमें से वे लोग बूस्टर डोज लगवाने के लिए पात्र है। जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक 9 महीने पहले लगवाई। पूर्व में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ संतोष शुक्ला ने बताया था बूस्टर डोज सिर्फ निजी केन्द्रों पर ही लगेंगे। सेंटरों की जानकारी कोविन प्लेटफॉर्म पर अपलोड होगी। इसके लिए प्री रजिस्ट्रेशन के साथ ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी गई है। वहीं बूस्टर डोज को लेकर लोगों में ज्यादा जुडाव देखने को नहीं मिला, जानकार इसका कारण इसे पैसों में मिलना बताते रहे हैं। वहीं माना जा हा है कि इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए व जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखकर अब बूस्टर डोज भी मुफ्त मुहैया कराने का फैसला लिया गया है।
मुफ्त बूस्टर डोज: ऐसे समझें कब क्या होगा
सूत्रों के मुताबिक आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 75 दिन का विशेष अभियान चलाया जाएगा। अब तक 18 से 59 साल के 77 करोड़ लोगों में से सिर्फ एक फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है। माना जा रहा है कि मुफ्त टीकाकरण की पहल से इस आंकड़े में बढ़ोतरी होगी। पिछले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर घटाकर छह महीने कर दिया था, जो पहले नौ महीने था। ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकरण के दायरे में लाने के लिए एक जून से ‘हर घर दस्तक अभियान 2.0’ भी चलाया जा रहा है।
6 महीने तक रहता है शुरुआती दो डोज का असर
कुछ आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अब तक 60 साल या उससे अधिक आयु के लोगों और फ्रंटलाइन वर्कर्स में से 26 फीसदी ने बूस्टर डोज लगवा ली है। वहीं यह भी बताया जाता है कि बीते 9 महीनों में देश के ज्यादातर लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई है।
आईसीएमआर और अन्य वैश्विक संस्थाओं की स्टडी के मुताबिक दो डोजों से जो प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, उसका असर 6 महीने तक बना रहता है। लेकिन उसके बाद एक बार फिर से बूस्टर डोज की आवश्यकता होती है।’ इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि 18 से 59 साल की आयु के लोगों को मुफ्त में बूस्टर डोज की सुविधा मुहैया कराई जा सके।