अपने घर का सपना महंगा
अगर आप अपना घर खरीदने का सपना सजोए बैठे हैं तो अब आपको ज्यादा राशि चुकाना पड़ेगी। बैंकों में बचत खाते एवं सैलरी एकाउंट में भी बदलाव कर दिया है। वर्ष 2019-20 के आम बजट में सरकार ने 45 लाख रुपए तक का घर खरीदने वालों को होम लोन पर अतिरिक्त 1.50 लाख रुपए आयकर लाभ देने की घोषणा की थी। बजट 2020 और 2021 में इस सुविधा को बढ़ा दिया था, लेकिन 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए वित्त वर्ष 2022-23 से इसे आगे नहीं बढ़ाया है। ऐसे में घर खरीदने वालों को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
1 अप्रेल 2022 से पहली बार घर खरीदने वालों को टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा। 1 अप्रेल से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू हो जाएगी। इसमें कई स्थानों पर जमीन की कीमत में 20 प्रतिशत इजाफा किया गया है। इससे रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। इसके साथ गाइडलाइन के उपबंधों में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट भी बढा दी गई है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के नगर निगम के क्षेत्र और विशिष्ट ग्रामों में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 13 हजार रूपए प्रति वर्ग मीटर तय की गई है।
बैंकों के नियमों में भी बदलाव
1 अप्रेल 2022 से एक्सिस बैंक के सैलरी या सेविंग अकाउंट पर नियम बदल दिया है। बैंक ने बचत खाते में मिनीमम बैलेंस की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी है। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने पीपीएस लागू कर दिया है। 4 अप्रेल से 10 लाख व उससे अधिक के चेक के लिए वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है।
एमएफ में निवेश के नियम बदले
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए बैंक ड्राफ्ट, भुगतान चेक या अन्य किसी भौतिक माध्यम से नहीं कर पाएंगे। दरअसल, म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटीज (एमएफयू) 31 मार्च 2022 से चेक-डीडी आदि के जरिये भुगतान सुविधा बंद कर दी है।
स्पेशल एफडी योजना में बदलाव
कोविड 19 महामारी के दौरान सीनियर सिटीजन के लिए स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने स्पेशल एफडी योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सीनियर सिटीजन को एफडी पर ज्यादा फायदा मिल रहा है। हालांकि, अब कुछ बैंक इस योजना को बंद करने की बात सामने आ रही है।
20 से 25% तक दवा भी महंगी
आने वाले दिनों में अब अस्पताल में इलाज कराना महंगा पड़ेगा। अस्पताल का खर्च 20 से 25 फीसदी तक महंगा हो सकता है। दरअसल नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसिंस यानी आवश्यक दवाओं की सूची में आने वाली लगभग 800 दवाइयों और मेडिकल डिवाइसेज की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा होने जा रहा है। दवाओं की बढ़ी हुई कीमतों का असर सीधे तौर पर अस्पताल में मिलने वाली सेवाओं पर भी पड़ेगा।
इलाज से लेकर ऑपरेशन सब होगा महंगा
बुखार, संक्रमण, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी। वहीं मेडिकल डिवाइसेस के महंगे होने का सीधा असर ऑपरेशन और अन्य सुविधाओं पर होगा।हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुब्रोतो मंडल बताते हैं कि दवाओं और मेडिकल डिवाइसेस का सीधा नाता मरीज के इलाज में होने वाले खर्च से है। मरीज के पूरे इलाज में दवाओं का खर्च करीब 30 फीसदी और उपकरणों का खर्च 3 से 10 फीसदी तक होता है। यह खर्च बढ़कर सवा लाख रुपए तक हो जाएगा।