सर्जिकल स्ट्राईक से जुड़े सैन्य अधिकारियों ने शहीद आइपीएस हेमंत करकरे को लेकर प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी जाहिर की है। 2016 में सर्जिकल स्ट्राईक का नेतृत्व करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि शहीदों के बारे में ऐसी बातें सुनकर तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि शहीदों को सम्मान दिया जाना चाहिए।
प्रज्ञा का जवाब- मेरे बयान में कुछ आपत्तिजनक नहीं, यातना का जिक्र
प्रज्ञा ने 5 घंटे तक पार्टी कार्यालय में विधि विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। इस दौरान शहीद आइपीएस हेमंत करकरे संबंधी बयान पर मिले नोटिस का जवाब तैयार करवाया। आयोग को भेजे गए जवाब में प्रज्ञा ने कहा कि उन्होंने न तो अपने भाषण में अभद्र भाषा का उपयोग किया और न ही किसी धर्म को चोट पहुंचाने की कोशिश की। उत्तेजना फैलाने और धार्मिक भावना भड़काने वाले शब्दों का प्रयोग भी नहीं किया। प्रज्ञा ने जवाब मेंं कहा है कि उन्होंने किसी शहीद की शहादत को लेकर अपमानजनक बात नहीं कही है। मेरे वक्तव्य की सिर्फ एक लाइन का अर्थ ना निकालकर पूरे भाषण का अर्थ निकाला जाए। प्रज्ञा ने जवाब में लिखा है कि उन्होंने अपने भाषण में सिर्फ केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्देश पर उन्हें जो यातनाएं दी गई, उनका उल्लेख किया है। प्रज्ञा ने कहा है कि उनके बयान को मीडिया ने नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत किया।