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बाबरी मस्जिद तोडऩे में मदद की, अब मंदिर बनाने में करूंगी सहयोग

locationभोपालPublished: Apr 22, 2019 02:03:48 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

प्रज्ञा ने गरमाया अयोध्या मुद्दा, बोलीं- चुनाव आयोग से नोटिस मिला है, लेकिन बयान पर कायम रहूंगी

Pragya

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भोपाल. लोकसभा चुनाव में भोपाल से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें अयोध्या विवाद पर दिए गए बयान पर नोटिस दिया है, लेकिन मैं अपने बयान पर कायम हूं। उन्होंने दोहराया कि मैं 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने में शामिल थी। वहां भव्य राम मंदिर जरूर बनेगा और मैं उसके निर्माण में पूरा सहयोग करूंगी।
टिकट मिलने के बाद से विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में रही प्रज्ञा ने कहा कि चुनाव आयोग के नोटिस का विधिवत जवाब दिया जाएगा। प्रज्ञा को अयोध्या मामले में टीवी चैनल पर दिए गए इंटरव्यू को लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार को नोटिस दिया था।
समझाने के लिए भाजपा नेताओं ने बुलाया प्रज्ञा को : बढ़ती बयानबाजी के बीच प्रज्ञा को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चर्चा के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय बुलाया। सूत्रों के मुताबिक उन्हें शिवराज और प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत ने नसीहत दी कि वे संभलकर मीडिया में बयान दें। इससे पहले प्रज्ञा को शहीद आइपीएस हेमंत करकरे पर अपमानजनक बयान देने के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस दिया था। उनकी तरफ से इसका जवाब भेजा जा चुका है।

सैन्य अधिकारियों ने जताई नाराजगी
सर्जिकल स्ट्राईक से जुड़े सैन्य अधिकारियों ने शहीद आइपीएस हेमंत करकरे को लेकर प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी जाहिर की है। 2016 में सर्जिकल स्ट्राईक का नेतृत्व करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि शहीदों के बारे में ऐसी बातें सुनकर तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि शहीदों को सम्मान दिया जाना चाहिए।
प्रज्ञा का जवाब- मेरे बयान में कुछ आपत्तिजनक नहीं, यातना का जिक्र
प्रज्ञा ने 5 घंटे तक पार्टी कार्यालय में विधि विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। इस दौरान शहीद आइपीएस हेमंत करकरे संबंधी बयान पर मिले नोटिस का जवाब तैयार करवाया। आयोग को भेजे गए जवाब में प्रज्ञा ने कहा कि उन्होंने न तो अपने भाषण में अभद्र भाषा का उपयोग किया और न ही किसी धर्म को चोट पहुंचाने की कोशिश की। उत्तेजना फैलाने और धार्मिक भावना भड़काने वाले शब्दों का प्रयोग भी नहीं किया। प्रज्ञा ने जवाब मेंं कहा है कि उन्होंने किसी शहीद की शहादत को लेकर अपमानजनक बात नहीं कही है। मेरे वक्तव्य की सिर्फ एक लाइन का अर्थ ना निकालकर पूरे भाषण का अर्थ निकाला जाए। प्रज्ञा ने जवाब में लिखा है कि उन्होंने अपने भाषण में सिर्फ केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्देश पर उन्हें जो यातनाएं दी गई, उनका उल्लेख किया है। प्रज्ञा ने कहा है कि उनके बयान को मीडिया ने नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत किया।
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