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भोपाल

अब झाड़ की बजाय फलदार वृक्ष, युवाओं ने की पहल

– खत्म हो रहे फलों के वृक्षों के चलते अभियान, कवर्ड कैम्पस में रोपे कई पौधे

भोपालJan 01, 2019 / 10:25 am

शकील खान

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अब झाड़ की बजाय फलदार वृक्ष, युवाओं ने की पहल

भोपाल। विकास के नाम पर एक ओर शहर से वर्षों पुराने फलदार वृक्षों को हटा दिया गया वहीं सड़कों के विस्तार में ऐसे वृक्ष कम हो गए। हरियाली को बढ़ावा देने रोपे गए ज्यादातर पेड़ पौधे फलदार नहीं। फलदार पौधों की संख्या बढ़ाने को लेकर कुछ युवाओं ने पहल की है। जिसके तहत ये कवर्ड कैम्पस में इस तरह के पौधे रोप रहे हैं। शहर के आसपास सरकारी कार्यालयों के कई कैम्पस में इन युवाओं ने ये पौधे रोपे हैं।
इन युवाओं ने जंगल द नेस्ट के नाम से एक ग्रुप भी बनाया है। कुछ समय पहले सिविल डिसपेंसरी सूरज नगर सेवनिया गौड़ में इन्होंने फलदार वृक्ष आम, अमरूद, पीपल, बरगद, गूलर, जामुन शहतूत जैसे वृक्षों के पौधे लगाए थे। इसी तरह के पौधे आसपास के कई और सरकारी परिसरों के कवर्ड कैम्पस में लगाए गए। इस ग्रुप के एक सदस्य विशाल ने बताया कि सेवनियां गौड़ में तो एक बंद पड़े ट्यूबवैल को आपस में मदद जुटा पानी के इंतजाम भी कराया गया।
पौधे लगाने के साथ संकल्प

इन युवाओं के मुताबिक जिस सरकारी कार्यालय में ये पौधे रोपते हैं वहां के कर्मचारियों से उन पौधों की सुरक्षा का संकल्प भी दिलाते हैं। कुछ जगह इसका फायदा भी मिला है। लेकिन कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जिन्होंने इन पौधों का रखरखाव ही नहीं किया। ऐसे में ये खराब हो रहे हैं। युवाओं ने लोगों से सहयोग की गुहार भी लगाई है।
फलों के बीज का भी हो रहा संग्रह

शहरी क्षेत्र में फलों के बीज कचरे के साथ फेंक दिए जाते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएफएम) के कुछ छात्रों ने इन बीजों को संग्रहित कर रोपने की पहल की थी। कुछ समय पहले इन्होंने इसके लिए अभियान चलाया था। आईआईएफएम के विद्यार्थी मोजेम ने बताया कि ये अभियान जारी है। इसे बड़े स्तर पर ले जाने को लेकर तैयारी कर रहे हैं।

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