खरीफ की फसलों की बोवनी की तैयारियों में लगे किसान तेज बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक कई जिलों में इतनी बारिश नहीं हुई है कि फसलों की बोवनी की जा सके। कृषि विशेषज्ञ भी अभी बोवनी नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन-चार दिन तेज बारिश की संभावना नहीं है, ऐसे में इंतजार करना ही बेहतर होगा। जिले में अभी औसत 87.1 मिमी बारिश हुई है। जबकि 100 से 125 मिमी बारिश होने पर ही बोवनी करना उचित होगा। अभी गैरतगंज, बेगमगंज क्षेत्र में ही सौ मिमी से अधिक बारिश हुई है। जबकि बाड़ी, बरेली, सुलतानपुर, देवरी क्षेत्रों में कम बारिश हुई है।
बोवनी से पहले करें ये तैयारी
-भूमि जनित रोगों से बचाव व उ'च अंकुरण क्षमता के लिए फफूंदनाशक दवा थायरम, कार्बेन्डाजिम या कार्बोक्सीन दवा से 3 ग्राम/किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें।
-अच्छे उत्पादन के लिए मेढ़ नाली पद्धति का उपयोग करें।
-सोयाबीन, उड़द, मूंग को पीला मोजेक रोग से बचाव के लिए बीज को थायोमिथाक्जाम 30 एफ.एस. मात्रा 10 मिली/किलो बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. 1.25 मिली/किलो बीज से उपचारित करें।
-धान के बीज को जैविक बीज उपचार के अन्तर्गत ट्राइकोडर्मा विरिडी 10 ग्राम/किला बीज तथा स्यूडोमोनास फ्लोरसेन्स जीवाणुनाशक 5 मिली/किग्रा बीज से बीजोपचार करें।
- धान के बीज को कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम, थिरम 1 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन & ग्राम/किलो बीज की दर से उपचारित कर बोवनी करेें।