इसका असर 24 तरह की सभी अखिल भारतीय सेवाओं के चयनित प्रशिक्षुओं पर पड़ेगा। वर्तमान में यूपीएससी से चयन के साथ ही सर्विस(आइएएस/आइपीएस/ आइएफएस) और राज्य आवंटन हो जाता है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्मिक प्रशिक्षण मंत्रालय से सर्विस और कैडर आवंटन नियमों में बदलाव पर 25 मई तक राय मांगी है।
मोदी ने किया था रिव्यूएलबीएस नेशनल अकादमी मसूरी के सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक सुधार आयोग की अनुशंसाओं को पढऩे के बाद मोदी अगस्त 2017 में अकादमी में पहुंचे थे। उन्होंने वहां फाउंडेशन कोर्स का रिव्यू किया। इसमें पाया कि प्रशिक्षु अधिकारी इस कोर्स को लेकर गंभीरता नहीं दिखाते।
कई अफसर फेल होने के बाद फिर से कोर्स की लिखित परीक्षा देते हैं। इसके बाद उन्होंने सर्विस/कैडर के लिए फाउंडेशन कोर्स के नंबर जोडऩे का फार्मूला तैयार किया। हालांकि, डीओपीटी सूत्रों के अनुसार अभी इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन पीएमओ ने पत्र के जरिए ऐसा करने की मंशा जाहिर कर दी है। प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
अब 600 नंबर की भी अहम भूमिका आइएएस, आइपीएस, आइएफएस सहित सभी 24 अखिल भारतीय सेवाओं के चयनित अधिकारियों के लिए एक समान फाउंडेशन कोर्स होता है। इसमें 450 नंबर लिखित परीक्षा के होते हैं, जबकि 150 नंबर अकादमी संचालक के असेसमेंट के होते हैं। बदलाव के बाद मेरिट में फाउंडेशन कोर्स के 600 नंबर की भूमिका भी होगी।
एक्सपर्ट कमेंटस पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा ने कहा, व्यवस्था को बदलने का औचित्य समझ नहीं आ रहा है। यूपीएससी में सर्विस निर्धारण होने के बाद कैडर आवंटन होने से फाउंडेशन कोर्स में प्रशिक्षु अफसर अपने राज्य के साथियों के साथ तालमेल बैठा लेते हैं जो आगे काम आता है। पूर्व डीजीपी अरुण गुर्टू ने कहा, फाउंडेशन कोर्स से पहले यूपीएससी से चयन के समय ही सर्विस और कैडर आवंटन का फार्मूला बेहतर है। नई व्यवस्था से विसंगतियां आएंगी।