इसमें जबलपुर स्टेशन पर संगमरमर की मूर्ति और उसके उत्पाद, पिपरिया स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, सतना स्टेशन पर पापड़, अचार, मुरब्बा, आंवला, कैंडी, सागर स्टेशन पर पूजन सामग्री, दमोह स्टेशन पर हर्बल प्रोडक्टस, कटनी स्टेशन पर पत्थर की नक्काशी, कटनी मुड़वारा स्टेशन पर खिलौने, मदन महल स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट्स, ब्यौहारी स्टेशन पर बताशा और करी, नरसिंहपुर स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट्स, करेली स्टेशन पर जैविक गुड़, सुहागपुर स्टेशन पर लकड़ी के खिलौने, मैहर स्टेशन पर महिलाओं के पारम्परिक सामान और आभूषण, गाड़रवारा स्टेशन पर रेशम के धागों से बने आभूषण, उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
इसके अतंर्गत हरदा स्टेशन पर बांस उत्पाद, इटारसी स्टेशन पर लकड़ी के खिलौने, जूट के सामान, होशंगाबाद स्टेशन पर स्मारिका, बांस के खिलौने, रानी कमलापति स्टेशन पर हथकरघा और साड़ी, भोपाल स्टेशन पर जरी जरदोजी शिल्प कला, विदिशा स्टेशन पर सांची का स्मृति चिन्ह, बीना स्टेशन पर जुट उत्पाद, अशोकनगर स्टेशन पर चंदेरी उत्पाद, गुना स्टेशन पर मसाला और हथकरघा, शाजापुर स्टेशन पर संतरा और उनके उत्पाद बांस के हस्तशिल्प के खिलौने, ब्यावरा राजगढ़ स्टेशन पर हस्तशिल्प उत्पाद, शिवपुरी स्टेशन पर कपड़ा जैकेट, और हथकरघा शिल्प स्टाल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
कोटा मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अतंर्गत भरतपुर स्टेशन पर कच्ची घानी सरसों का तेल, बयाना स्टेशन पर मीठे मलाई के लड्डू, श्री महावीरजी स्टेशन पर जैन दर्शन की साहित्य सामग्री, गंगापुर सिटी स्टेशन पर मीठी खीर मोहन, सवाई माधोपुर स्टेशन पर हस्तशिल्प मुद्रण आइटम, बूंदी स्टेशन पर बूंदी पेंटिंग, बारां स्टेशन पर मांगरोल हथकरघा कपड़ा, कोटा स्टेशन पर कोटा डोरिया साड़ी, शामगढ़ स्टेशन पर हाथ से बने मसाले, चैमहला स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी, रामगंज मंडी स्टेशन पर आंवला कैंडी, हिंडौनसिटी स्टेशन पर मीठी, मूंग दाल बर्फी आदि के स्टॉल उपलब्ध कराने की तैयारी है।