40 लाख टन गेहूं की खरीदी हुई
दरअसल, मध्यप्रदेश में इस वर्ष करीब 40 लाख टन गेहूं की खरीदी हुई है, जो अपेक्षाकृत कम है। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने की तारीख बढ़ाने के बाद भी केन्द्र खाली पड़े हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि 30 मई तक एक-दो लाख टन गेहूं की खरीदी और हो सकती है। बाजार में गेहूं की कीमतें ज्यादा होने से मंडियों में आवक ज्यादा है। सरकार के पास वर्तमान में डेढ़ सौ लाख टन अनाज का भंडारण है। इसमें से सरकार 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेच रही थी। 12 लाख टन बेच भी चुकी थी, पर अब नहीं बेचेगी।
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30 लाख मीट्रिक टन वितरण
सरकार प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों और टेकहोम राशन में करीब 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक प्रति वर्ष गेहूं बांटती है। इसके अनुसार तो वर्तमान में स्थिति बेहतर है, लेकिन यदि यही स्थिति रही तो अगले साल गरीबों को अनाज बांटने में गेहूं की कमी हो सकती है।