शहरों में विकास के नाम पर नष्ट होते जंगल और कोलाहल के कारण लोगों का रुझान ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी शुद्ध हवा और प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलता है। इसलिए सरकार ने ग्रामीण पर्यटन पर फोकस किया है। पर्यटन स्थल पर होटल या गेस्ट हाउस के बजाय होम स्टे (घर पर ठहरने की सुविधा) को महत्व दिए जाने की तैयारी है। साथ ही ग्रामीण पर्यटन से ग्रामीण जीवनशैली के बारे में यह भ्रम दूर करने का प्रयास भी होगा कि ग्रामीण जीवन बहुत कठिन है।
योजना के तहत राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों के ग्रामीण क्षेत्रों का चयन किया जाएगा। सबसे पहली प्राथमिकता इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की होगी। यहां के ग्रामीणों, युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा इसमें उन्हें पर्यटकों के स्वागत और बातचीत के तौर तरीके सिखाना प्रमुख होंगे। इसके लिए किसी बड़े समूह की मदद भी ली जा सकती है।
ज्यादातर ग्रामीणों के पास आय का साधन कृषि ही है। इनके क्षेत्र सीधे तौर पर पर्यटन से जुड़ जाएंगे तो इन्हें रोजगार मिलेगा। इनकी आय बढ़ेगी। इसके लिए सरकारी प्रयास भी शामिल होंगे। इसमें सबसे प्रमुख इन चयनित ग्रामीणों क्षेत्रों को परिवहन से जोडऩा है। स्थानीय रेलवे स्टेशन या फिर अन्य पहुंच या राजमार्ग को दुरुस्त किया जाएगा। गांवों में बुनियादी सुविधाएं जुटाई जाएंगी, जिससे पर्यटकों को असुविधा न हो।
– पर्यटकों को पर्यटन क्षेत्र के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और वहां सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। – पर्यटकों को यह बताया जाएगा कि यहां के क्षेत्रीय व्यंजन और स्थानीय दर्शनीय स्थल कहां और कितनी दूरी पर हैं।
– आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रीय बोली बोलते हैं, प्रयास होगा कि वे अन्य भाषा भी बोल और समझ सकें।
राज्य सरकार का प्रयास है कि मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक पर्यटक आएं। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना इसी की कड़ी। पयर्टकों को नया माहौल, अनुभव मिलेगा, पर्यटन भी बढ़ेगा। ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा।