बाल अपराधों पर अंकुश लगाने की कवायद-
प्रदेश में बढ़ रहे बाल और महिला अपराध को लेकर पुलिस मुख्यालय ने कुछ नए तरीके इजाद किए हैं, जिनके जरिए समाज को जागरुक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ पिछड़े जिलों के एसपी नए आईडियाज के साथ अपराधों में कमी लाने की कोशिश कर रहे हैं। सीधी जिले के बाद अब झाबुआ जिले के एसपी ने कुछ संदेश और लघु फिल्म बनाई हैं, जिनके जरिए समाज में बेहतर संदेश दिया जा सकता है, इस प्रयास को पुलिस मुख्यालय ने सराहा भी है और इस प्रयोग को प्रदेश में अमल में लाने पर विचार चल रहा है।
फिल्म से पहले शपथ लेंगे माता-पिता-
झाबुआ एसपी महेन्द्र चंद्र जैन ने महिला संबंधी अपराधों को लेकर जो संदेश बनाया है, उसमें बच्चों और माता-पिता को शपथ लेते हुए दिखाया गया है, शपथ में ये प्रण लिया जा रहा है कि मैं कभी भी किसी बालिका या महिला के साथ बदतमीजी, छेड़खानी, शारीरिक शोषण या हिंसा नहीं करूंगा। मैं शपथ लेता हूं कि 18 वर्ष की उम्र से पहले अपनी बेटी की शादी नहीं करूंगा। कम से कम 18 की उम्र तक बेटी को पढ़ाउंगा ताकि उसका जीवन सुखद बन सके। झाबुआ, धार जैसे आदिवासी जिलों में महिला अपराध 70 प्रतिशत से ज्यादा है इसलिए ये पहल इन जिलों से शुरू की गई है। जागरूकता फैलाने के बाद कुछ स्तर पर अपराधों में कमी भी आई है।
कुछ स्तर पर जन-जागरूकता से महिला संबंधी अपराधों में कमी आती है, जागरूकता के अभाव में कई बार लोग गलत कदम उठा लेते हैं। इन संदेशों को प्रदेश भर में दिखाने और लागू करने के लिए सभी जिले के एसपी को निर्देश जारी किए जाएंगे।
अन्वेश मंगलम्, एडीजी महिला सेल