भोपाल सहित, सीधी, सिंगरौली, सागर, अशोकनगर, बैतूल, शिवपुरी जैसे 7 जिलों में भाकपा का प्रभाव है। इन जिलों के कार्यकर्ता प्रदेशभर में भाजपा का विरोध करेंगे। रामचंद्रन ने बताया कि उनकी पार्टी ने जनता का घोषणा पत्र तैयार किया है, जिसके आधार पर वे केंद्र और राज्य की सरकार के विरोध में प्रचार करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य की सरकारेंं फासीवाद और कारपोरेट घरानों को ताकत दे रही हैं, इससे संघर्ष करने वाले लोगों का हक प्रभावित हो रहा है।
रामचंद्रन ने कहा है कि संभव हुआ तो सात जिलों की कुछ सीटों पर आगामी चुनाव में प्रत्याशी भी खड़े कर सकते हैं, लेकिन इसकी अभी पूरी तैयारी करना बाकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म, जाति व फासीवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ हम प्रचार करेंगे और संकल्प लेते हैं कि केंद्र व राज्य की सरकारों को परस्त किया जाए।
चौथा सम्मेलन आज….
भाकपा का राज्य स्तरीय चौथा सम्मेलन हर्षवर्धन नगर में आज आयोजित किया जा रहा है। रामचंद्रन और कामरेड सौरा यादव ने बताया कि बैंगलुरु में पार्टी का महा सम्मलेन किया जाएगा, इसके परिप्रेक्ष्य में 20 राज्यों में राज्य स्तरीय सम्मेलन किया जा रहा है। राज्य सम्मेलनों के आधार पर ही महासम्मेलन किया जाएगा।
गौरतलब है इसके पहले सपाक्स ने नई पार्टी बनाकर प्रदेश में चुनाव लड़ने का एलान किया था। सपाक्स ने अपनी राजनीतिक पार्टी और अपनी पार्टी के पदाधिकारियों की घोषणा भी कर दी थी। पार्टी राज्य के 230 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपाक्स संगठन के संरक्षक रहे हीरालाल त्रिवेदी पार्टी के अध्यक्ष है। घोषणा के मुताबिक सपाक्स अब संगठन से राजनीतिक दल बन गया है। सपाक्स ने प्रदेश कार्यकारिणी भी बनायी थी इसमें 4 उपाध्यक्ष भी बनाए गए थे।
मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 में से करीब 7० सीटें ऐसी हैं जो जातिगत आधारित हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा रीवा, सतना, ग्वालियर और सीधी में जातिगत समीकरण के आधार पर चुनाव लड़ा जाता है। यहां ब्राह्मण, ठाकुर और पटेल जाति के लोग चुनावी समीकरण बनाते और बिगाड़ते हैं। मध्यप्रदेश में कुल 5 करोड़ वोटर हैं