अब ईपीसी पर इसका निर्माण होने से सारी जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी। सरकार केवल निर्माण कार्य और उसकी सामग्रियों के संबंध में स्पेशिफिकेशन जारी करेगी। स्पेशिफिकेशन के अलावा डिजाइन जो भी बदलाव होगा उसकी राशि खुद ठेकेदार को देना होगा। लोक निर्माण विभाग ईपीसी की नीति तैयार कर रहा है, नीति फाइनल होने के बाद उसे कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट के निर्णय के बाद उसे ब्रिज और बड़े पुलों में लागू किया जाएगा बाद में सभी निर्माण कार्यों में लागू किया जाएगा, जिससे कि निर्माण कार्यों की लागत राशि में बार-बार बदलाव न हो सके।
प्रति वर्ष बढ़ती है ब्रिज और बड़े पुलों की लागत राशि
ब्रिज, फ्लाईओवर और बड़े पुलों के निर्माण की राशि निविदा जारी करने के बाद अक्सर प्रति वर्ष बढ़ती जाती है। इसमें या तो ड्राइंग-डिजाइन बदलाव के नाम पर दरें बढ़ जाती हैं। इसके अलावा कई बार इनमें निर्माण कार्यों के बदलाव को लेकर राशि बढ़ा दी जाती है। पिछले दो वर्षों के अंदर विभाग ने नर्मदापुरम में नर्मदा नदी पर बनने वाले ब्रिज, जबलपुर आरओ ब्रिज सहित पांच ब्रिजों की लागत राशि में भारी बदलाव किया है।
जिला ----निर्माण कार्य---------निविदा के दौरान लागत राशि----बढ़ाई गई लागत राशि करोड़ में
नर्मदापुरम --नर्मदा नदी पर पुल-- --58.17----------------------129.68----------------
इंदौर ----बंगाली चौराहा------28. 86-----------------------31.00
कटनी --आरओबी ----------49.--------------------------85.49
जबलपुर ---आरओबी -----550--------------------------900
खंडवा ----तीन पुलिया ---22-------------------------------28
सतना आरओबी ---------28-------------------------------45
जबलपुर ---आरओबी -----550--------------------------900
सरकार अब ठेकेदारों को देगी बोनस
समय से पहले निर्माण कार्य पूरा करने पर सरकार ठेकेदारों को बोनस देगी। ठेकेदार जितना जल्दी निर्माण कार्य पूरा कर लेंगे उन्हें उतना ही बोनस दिया जाएगा। यह राशि प्रोजेक्ट लागत राशि की पांच फीसदी तक दी जा सकेगी। हालांकि ईपीसी नीति फाइनल होने के बाद ही बोनस राशि का प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा। सरकार यह व्यवस्था निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए कर रही है।