इस नई व्यवस्था में खासकर कुलियों को शामिल किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कम है और अधिकतर मुसाफिर भी सीमित लगेज लेकर सफर करते हैं। ऐसे में स्टेशन पर बैग और सूटकेस उठाने वाले कुलियों की आमदमी न के बराबर रह गई है। कुलियों का कहना है कि रोजाना 100-200 रुपए तक ही आय होती है। ऐसे में परिवार का भरण-पोषण भी करना मुश्किल होता है। इसे देखते हुए रेलवे ने पार्सल वेंडरों के जरिए उन्हें रोजगार भी मुहैया कराने का प्लान बनाया है। अभी भोपाल स्टेशन पर 14 और हबीबगंज स्टेशन पर 35 कुली हैं।
कमर्शियल विभाग ने तैयार किया प्लान
रेलवे अफसरों ने बताया कमर्शियल विभाग ने पार्सलों की लोडिंग बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार का साधन कुलियों के लिए उपलब्ध कराने का फैसला किया है। पार्सलों की होम डिलेवरी के लिए कुली को शामिल किया जाएगा। जिससे स्टेशन पर काम करने के साथ-साथ उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। भोपाल में सफलता मिलने पर अन्य स्थानों पर भी इसे लागू किया जा सकता है।
रेलवे अफसरों ने बताया कमर्शियल विभाग ने पार्सलों की लोडिंग बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार का साधन कुलियों के लिए उपलब्ध कराने का फैसला किया है। पार्सलों की होम डिलेवरी के लिए कुली को शामिल किया जाएगा। जिससे स्टेशन पर काम करने के साथ-साथ उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। भोपाल में सफलता मिलने पर अन्य स्थानों पर भी इसे लागू किया जा सकता है।
आर्थिक स्थिति में होगा सुधार
विजय प्रकाश सीनियर डीसीएम, भोपाल डिवीजन के अनुसार, डोर-टू-डोर व्यवस्था में कुली को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। कुली स्टेशनों पर यात्रियों के बैग और लैगेज उठाते हैं। उनकी आय बढ़ाने के लिए बेहतर कदम उठाया जा रहा है। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
विजय प्रकाश सीनियर डीसीएम, भोपाल डिवीजन के अनुसार, डोर-टू-डोर व्यवस्था में कुली को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। कुली स्टेशनों पर यात्रियों के बैग और लैगेज उठाते हैं। उनकी आय बढ़ाने के लिए बेहतर कदम उठाया जा रहा है। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।