कैम्प में ही आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे और मरीज की उम्र और बीमारी के हिसाब से बीपी, ऑक्सीजन लेवल, वजन, हाइट आदि जांच कर उसका पर्चा बनाया जाएगा। भोपाल में यह कैंप 18 अप्रेल को बैरसिया और 23 को फंदा में लगेंगे। कैम्प के कर्मचारी मरीज को संबंधित डॉक्टर के पास ले जाएंगे। मरीजों का इलाज शिशु रोग विशेषज्ञ, मेडिसिन, सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, गायनेकोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक भी करेंगे।
80 लाख की मशीन से होगा 'दिल का इलाज'
प्रदेश के इंदौर शहर में आधुनिक चिकित्सा के बने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में दो हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में एक नई तकनीक एंजियोप्लास्टी की गई। करीब 80 लाख रुपए कीमत की नई ओसीटी मशीन शहर के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। अन्य अस्पतालों में पहले इस तकनीक से जटिल एंजियोप्लास्टी करने के लिए इस मशीन को दिल्ली, मुंबई जैसे अन्य बड़े शहरों से किराए पर बुलाई जाती थी।
कॉडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजयदीप भटनागर ने बताया कि ऑप्टिकल कोहरेन्स टोमोग्राफी (ओसीटी) कहा जाता है। इस नवीन तकनीक के जरिए मरीजों की एंजियोप्लास्टी व स्टेंट लगाया गया। इस तकनीक में से मरीज की धमनियों को कैमरे के द्वारा देखा जाता है।
इसमें हमें ब्लॉकेजों के अलावा, धमनियों का आकार प्रकार स्पेशिलिटी समेत धमनियों में स्टेंट डालने के बाद की जटिलताओं के बारे मेंप्रारंभिक अवस्था में ही पता चल जाता है। जिन दो मरीजों की ओसीटी द्वारा एन्जियोप्लास्टी की गई। सुपर अस्पताल कार्डियोलॉजी टीम द्वारा की गई इन दोनों एंजियोप्लास्टी में डॉ. भटनागर डॉ. लोकेन्द्र रेकवाल, डॉ. अभिषेक राठौर, डॉ. भूषण शाह शामिल थे। मेडिकल कॉलेज के डीन संजय की दीक्षित व अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला ने इस सफलता पर बधाई दी।