वि धानसभा परिसर में दिग्विजय ने मीडिया से खुलासा किया कि कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाहा को सौ करोड़ और मंत्री पद का ऑफर दिया गया। मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी उन्हें ढाबे पर लेकर गए, जहां नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग से मुलाकात कराई। दोनों ने बैजनाथ से कहा कि 100 करोड़ लो, चार्टेड प्लेन में बैठो और चलो हमारे साथ। सरकार गिराओ व मंत्री बन जाओ। दिग्विजय ने दावा किया कि कुछ और कांग्रेस विधायकों को भी खरीदने की कोशिश की गई।
इन कांग्रेस विधायकों का भी आरोप- भाजपा ने हमें भी की थी खरीदने की कोशिश
सबलगढ़ से विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने कहा कि इन्होंने मुझे लालच दिया था और कहा था कि ईमानदारी में क्या रखा है। मैंने उनसे कहा कि मुझे गरीबी मंजूर है, किंतु ईमान नहीं बेचंूगा।
मनावर से आदिवासी विधायक हीरा अलावा ने कहा कि भाजपा नेताओं ने मुझसे सरकार गिराने के लिए मंत्री बनाने का वादा किया था। लेकिन मैंने इनकार कर दिया। मैं पार्टी के साथ हंू।
निवास से आदिवासी विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले का कहना है कि भाजपा से उनके पास भी ऑफर आया था। मैने उनसे कहा था कि पार्टी के साथ गद्दारी नहीं कर सकता।
धरमपुरी से आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा ने दावा किया कि भाजपा ने मुझसे भी संपर्क किया था। मैंने कहा कि कांग्रेस मेरी मां है और मैं मां के साथ कभी दगा नहीं कर सकता।
भाजपा ने आरोपों को बताया निराधार
भाजपा सरकार में ताकतवर मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, दिग्विजय बेवजह के आरोप लगा रहे हैं। हम पहले ही साफ कर चुके हैं कि खरीद-फरोख्त हमारी परंपरा नहीं है। न ही ऐसी कोशिश की गई। शिवराज और राकेश सिंह पहले ही इनकार कर चुके हैं।
भाजपा सुबह विजय शाह का नाम वापस लेना चाहती थी, पर बात नहीं बनी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की पहले फोन पर चर्चा हुई। फिर वे कमलनाथ, दिग्विजय और संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह के साथ प्रोटेम स्पीकर के कक्ष में मिले। नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कमलनाथ से आग्रह किया कि वे परंपरा का हवाला देते हुए सदन में कहें कि अध्यक्ष पद के लिए दिया प्रस्ताव विपक्ष वापस ले, लेकिन मुख्यमंत्री सहमत नहीं हुए और चर्चा विफल हो गई। सूत्रों के अनुसार मत विभाजन के बाद अब कांग्रेस उपाध्यक्ष पद पर भी दावा करेगी।
कमलनाथ, मुख्यमंत्री
पहले ही दिन कांग्रेस ने सदन में लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री इस्तीफा दें।
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री