एनपी प्रजापति ने कहा कि जो दल सत्ता में है,और जो प्रोटेम स्पीकर अभी बैठे हैं उन के माध्यम से विधानसभा सचिवालय को ऐसा कोई अवैधानिक कृत्य नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि प्रोटेम स्पीकर को कोई नियम कानून मालूम नहीं होते हैं। विधानसभा के प्रटोम स्पीकर द्वारा विधानसभा समितियों के बनाये जाने के बाद समितियों के गठन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने समितियों को लकरे कहा कि विधानसभा में जो समितियां बनती है उसको लेकर सदन की परंपरा है कि जब भी बजट सत्र आहूत होता है तब इन समितियों के चुनाव दोनों दलों के सामांजस्य से कराए जाते हैं। विधानसभा अध्यक्ष सदन को सूचना देता है इसके बाद समितियों के चुनाव होते हैं। यह प्रक्रिया मनोनयन के आधार पर होती है।
उन्होंने अभी समितियों को लेकर कहा कि प्रोटेम स्पीकर ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। प्रोटेम स्पीकर के पद को लेकर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली नहीं रह सकता है इसलिये विधानसभा में जब नए सदस्य चुनकर आते हैं, तो प्रोटेम स्पीकर को बिठाया जाता है। लेकिन वर्तमान प्रोटेम स्पीकर जो कार्य कर रहे हैं, यह विधि सम्मत नहीं है। विधानसभा में सदन गठित हो चुका है इसलिये पहले विधिवत विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होना चाहिये।
प्रजापति ने कहा कि मप्र में सरकार गिराने और गिरने के दौरान भी आपने दो बार सदन आहूत किया था। एक बार बहुमत सिद्ध करने के लिए और एक बार अध्यादेश के लिये इसलिये सरकार को अध्यक्ष चुनने के लिये भी सदन बुलाकर स्पीकर का विधिवत चुनाव करना चाहिए। प्रजापति के आरोप के बाद अभी तक बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।