धरने पर बैठी छात्राओं ने बताया कि वे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मॉस कम्युनिकेशन में सेकंड इयर की छात्र हैं। वे तबीयत खराब होने की वजह से कक्षाओं में शामिल नहीं हो सकीं थी। उनकी शनिवार से परीक्षाएं शुरू हुई हैं। परीक्षा के पहले उन्होंने पिता के साथ कुलपति से मुलाकात कर सारी स्थिति से अवगत कराया था। जिसके बावजूद छात्राओं को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया।
छात्राओं ने बताया कि पहले कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को निष्कासित कर दिया था। बाद में नोटिस जारी किया कि पांच सौ रुपए जमा कर वे परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस नोटिस के आधार पर जब हमने एचओडी से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि एक छात्रा परीक्षा में शामिल हो सकती है लेकिन दूसरी को चरित्रहीन और शैतान बताकर परीक्षा दिलवाने से इनकार कर दिया।
इसके पहले, सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणी को लेकर भी विवि सुर्खियों में था। जिसमें छात्रों के नाम एफआईआर किया गया था, बाद में छात्रों के माफी मांगने के बाद निष्कासित 23 छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई।