एनटीसीए ने कहा लाइट से परेशान होते हैं वन्यजीव
एनटीसीए का कहना है कि नाइट सफारी के दौरान वाहनों की लाइट और पर्यटकों के शोरगुल से वन्य जीवों को दिक्कत होती है। उनके रहन सहन में भी इसका प्रभाव पड़ता है। एनटीए की गाइड लाइन में भी नाइट सफारी का प्रावधान नहीं है। एनटीसीए ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि पार्कों के मैनेजमेंट प्लान में भी इस बात का उल्लेख नहीं है। इसके पीछे का तर्क वन विभाग ने यह दिया है कि वैसे तो कोर एरिया में भी सफारी का प्रावधान नहीं है,लेकिन सफारी चलाई जाती है।
मैनेजमेंट प्लान में भी इसका उल्लेख नहीं
एनसीटीए ने अपने एक पत्र में यह भी लिखा है कि पार्कों के मैनेजमेंट प्लान और एनटीसीए से दिए गए दिशा-निर्देशों में नाइट सफारी की व्यवस्था नहीं है। विभाग के अधिकारियों ने तर्क दिया कि ऐसे तो कोर एरिया में सफारी का भी प्रावधान नहीं है, फिर भी कराई जा रही है।
- एनटीसीए को जवाब दे दिया गया है। नाइट सफारी से कोई दिक्कत नहीं हो रही है। ये टाइगर रिजर्व के बफर एरिया में चलाई जा रही है। इसे बंद करने के पीछे एनटीसीए कोई ठोस कारण नहीं दे रहा है।
जेएस चौहान, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन