यहां उन्होंने बताया कि देश में अभी 22 परमाणु संयंत्र क्रियाशील हैं। इनसे गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा मिल रही है। 18 एटॉमिक रिएक्टर भारी जल पर आधारित हैं। इन की क्षमता 540 मेगावाट से बढ़ाकर 700 मेगावाट करने जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर 2017 को स्वीकृत 10 परमाणु ऊर्जा संयंत्र में से 2 मप्र के चुटका में स्थापित होने हैं। वर्तमान में हमारी योजना देश में 22000 मेगावाट क्षमता नाभिकीय ऊर्जा शक्ति से उत्पादित करने की है।
पाठक के अनुसार मैपकास्ट और एनपीसीआइएल कई क्षेत्रों में समान कार्य कर रहे हैं। मैपकास्ट एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट्स के लिए साइट सिलेक्शन में टोपोग्राफी, कंटूर लेवल का कार्य कर सकता है। परमाणु ऊर्जा के प्रचार-प्रसार में परिषद् की बड़ी भूमिका हो सकती है।
चुटका के लिए मैपिंग
मैपकास्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि एनपीसीआइएल और मैपकास्ट मिलकर झाबुआ, रतलाम, मंदसौर की सेक्टरल मैपिंग कर रहे हैं। चुटका परियोजना में परिषद ने वहां की डिजिटल मैपिंग की है। वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डीके सोनी ने चुटका परियोजना व भीमपुर में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। पाठक ने मैपकास्ट की लैब और न्यूक्लियर गैलरी भी देखी।
न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) दरअसल भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। सितंबर 1987 में कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत इस कंपनी को सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर पंजीकृत किया गया था। इस कंपनी का उद्देश्य परमाणु ऊर्जा अधिनियम-1962 के तहत भारत सरकार की योजनाएं और कार्यक्रमों के अनुसरण में बिजली का उत्पादन करने के लिए परमाणु बिजली घर का परिचालन और नाभिकीय शक्ति परियोजनाएं कार्यान्वित करना है।
बताया जाता है कि भारत के पास एक अति महत्त्वाकांक्षी स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम है, जिससे अपेक्षा है कि वर्ष 2024 तक यह 14.6 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेगा, जबकि वर्ष 2032 तक बिजली उत्पादन की यह क्षमता 63 गीगावाट हो जाएगी। भारत का लक्ष्य है कि वर्ष 2050 तक देश के 25% बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का ही योगदान हो।