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लक्ष्मी को चढ़ाएं 108 गुलाब, दूध-चावल की खीर का भोग लगाएं

locationभोपालPublished: Nov 01, 2018 07:05:13 pm

Submitted by:

Rohit verma

पुष्य नक्षत्र पर बाजार में उत्साह, पंडितों ने बताया कैसे पाएं महालक्ष्मी का आशीर्वाद

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लक्ष्मी को चढ़ाएं 108 गुलाब, दूध-चावल की खीर का भोग लगाएं

भोपाल. ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के चक्र में पुष्य आठवां नक्षत्र होता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं। सभी नक्षत्रों में इसे सर्वाधिक शुभ नक्षत्र की संज्ञा दी गई है। इसमें किया गया कोई भी कार्य पुण्यदायी और तुरंत फल देने वाला होता है। यह बात ज्योतिषाचार्य पंडित ओमप्रकाश उपाध्याय ने कही।

बुधवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से गुरु पुष्य, रवि पुष्य, शनि पुष्य, बुध पुष्य जैसे महायोगों का निर्माण होता है, जिनमें खरीदी करने का विशेष महत्व माना गया है। इसी कारण बाजारों में इस दिन खरीदारी का अच्छा अवसर है। उपाध्याय ने बताया कि इस दिन भी मां लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। विशेष मुहूर्त में मां लक्ष्मी को गुलाब के फूल चढ़ाकर पूजन करें।

 

ये करें उपाय तो प्रसन्न होंगी महालक्ष्मी
पुष्य नक्षत्र मां लक्ष्मी का अत्यंत प्रिय नक्षत्र है। इसमें मां लक्ष्मी की प्रसन्न्ता के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं। 31 अक्टूबर को प्रात: 6.30 से 9.21 बजे के बीच महालक्ष्मी मंदिर में जाकर देवी को 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। इससे घर में स्थायी लक्ष्मी का वास होगा।

पुष्य नक्षत्र में दूध और चावल की खीर बनाकर चांदी के पात्र में लक्ष्मी को भोग लगाने से अष्टलक्ष्मी की प्राप्ति होती है। श्री सूक्त के 108 पाठ करने से जीवन के आर्थिक संकटों का नाश होता है और सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है।


वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन करें। विवाह में बाधा आ रही है तो पुष्य नक्षत्र में बृहस्पति देव के निमित्त कन्याओं को बेसन के लड्डू का वितरण करें।

 

पुष्य नक्षत्र
दीपावली या इससे पहले पुष्य नक्षत्र का आना अत्यंत शुभ माना जाता है। दीपावली से पहले इस बार पुष्य नक्षत्र 31 अक्टूबर, बुधवार को आ रहा है। चूंकि पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं और इस बार यह भगवान श्रीगणेश के दिन बुधवार को आ रहा है, इसलिए यह विशेष शुभकारक योग का निर्माण कर रहा है।

कब से कब तक
पुष्य नक्षत्र 30 की रात्रि 3. 50 से शुरू होकर 31 अक्टूबर को रात्रि 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार पुष्य नक्षत्र का संपूर्ण योग बुधवार 31 अक्टूबर के दिन रहेगा। यह दिन घर में नई वस्तुएं लाने के लिए अत्यंत शुभ दिन होगा। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, जेवर, भूमि, भवन, वाहन आदि खरीदने के लिए शुभ योग है।

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