अपनी लंबित मांगों को लेकर कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था। इस हड़ताल में 40 से अधिक कर्मचारी संगठन शामिल हुए थे। शहर के दफ्तरों में इसका मिला जुला असर दिखाई दिया। बाबूओं की कुर्सियां खाली रही और फाइलें आगे नहीं बढ़ पाई। इसी प्रकार वाहन चालक भी काम पर नहीं आए, इसके कारण अधिकारियों को भी अपनी गाड़ी खुद चलाकर ऑफिस आना पड़ा। दफ्तरों में भी आऊटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे ही कामकाज चलता रहा।
ये हैं प्रमुख मांगें
वेतनवृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान हो
कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनरों को केंद्र के समान 16 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान हो
अधिकारियों, कर्मचारियों की पदोन्नति शीघ्र प्रारंभ हो
गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह मिले
वेतनवृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान हो
कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनरों को केंद्र के समान 16 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान हो
अधिकारियों, कर्मचारियों की पदोन्नति शीघ्र प्रारंभ हो
गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह मिले
यह काम रहे प्रभावित
उप पंजीयक कार्यालय में गुरुवार को एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। कई लोग रजिस्ट्री के आए, लेकिन वापिस लौट गए।
आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लायसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन का काम नहीं हुआ।
तहसील कार्यालयों में अवकाश पर रहने से आय-जाति, खसरा-नक्शा समेत अन्य काम नहीं हुए।
सतपुड़ा और विंध्याचल भवन में फाइलें जहां थी वहीं रही, उनका मूवमेंट रूका रहा।
उप पंजीयक कार्यालय में गुरुवार को एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। कई लोग रजिस्ट्री के आए, लेकिन वापिस लौट गए।
आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लायसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन का काम नहीं हुआ।
तहसील कार्यालयों में अवकाश पर रहने से आय-जाति, खसरा-नक्शा समेत अन्य काम नहीं हुए।
सतपुड़ा और विंध्याचल भवन में फाइलें जहां थी वहीं रही, उनका मूवमेंट रूका रहा।
दफ्तरों में घूमते रहे कर्मचारी नेता
हड़ताल के दौरान कर्मचारी नेता कार्यालयों में घूमते रहे और हड़ताल का जायजा लेते रहे। कर्मचारी नेता वीरेंद्र खोंगल, भुवनेश पटेल, ओपी कटियार सहित अन्य सुबह से कार्यालयों के मुख्य द्वारों पर उपस्थित रहे और जो कर्मचारी अवकाश आवेदन जमा नहीं कर पाए, उनके आवेदन कार्यालय प्रमुखों को प्रस्तुत कराते रहे। कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जितेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हड़ताल पूर्णत: सफल रही।
हड़ताल के दौरान कर्मचारी नेता कार्यालयों में घूमते रहे और हड़ताल का जायजा लेते रहे। कर्मचारी नेता वीरेंद्र खोंगल, भुवनेश पटेल, ओपी कटियार सहित अन्य सुबह से कार्यालयों के मुख्य द्वारों पर उपस्थित रहे और जो कर्मचारी अवकाश आवेदन जमा नहीं कर पाए, उनके आवेदन कार्यालय प्रमुखों को प्रस्तुत कराते रहे। कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जितेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हड़ताल पूर्णत: सफल रही।
प्रदर्शन कर जताया विरोध
हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने सतपुड़ा भवन, विंध्याचल भवन, नर्मदा भवन के सामने एकत्रित होकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया। इसके साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में अनिश्िचितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा।
हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने सतपुड़ा भवन, विंध्याचल भवन, नर्मदा भवन के सामने एकत्रित होकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया। इसके साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में अनिश्िचितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा।
एरियर की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा
जुलाई 2021 से केंद्र के समान 28 प्रतिशत डीए, जुलाई 2020 की वेतनवृद्धि से संबंधी एरियर्स की राशि का तत्काल भुगतान करने, पदोन्नति आदि की मांग को लेकर मप्र राजपत्रित अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को के नाम ज्ञापन सौंपा।
जुलाई 2021 से केंद्र के समान 28 प्रतिशत डीए, जुलाई 2020 की वेतनवृद्धि से संबंधी एरियर्स की राशि का तत्काल भुगतान करने, पदोन्नति आदि की मांग को लेकर मप्र राजपत्रित अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को के नाम ज्ञापन सौंपा।
200 कर्मचारियों का उच्च वेतनमान अटका
मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ग्वालियर व भोपाल के करीब 200 कर्मचारियों पे स्केल अप्रेल 2021 से जुलाई 2021 तक अटक गए हैं। तकनीकी खामी के कारण 3000 अधिकारी-कर्मचारी परेशान हैं। पहले 30 जून तक सीआर लिख दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष शुरू ही नहीं हो पाई।
मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ग्वालियर व भोपाल के करीब 200 कर्मचारियों पे स्केल अप्रेल 2021 से जुलाई 2021 तक अटक गए हैं। तकनीकी खामी के कारण 3000 अधिकारी-कर्मचारी परेशान हैं। पहले 30 जून तक सीआर लिख दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष शुरू ही नहीं हो पाई।
लर्निंग लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन ठप
पुलिस की तरह खाकी वर्दी पहनने एवं वेतन भत्तों के दोबारा निर्धारण की मांग को लेकर मध्यप्रदेश परिवहन कर्मचारियों ने भी गुरुवार को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। विभाग के 2000 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।
पुलिस की तरह खाकी वर्दी पहनने एवं वेतन भत्तों के दोबारा निर्धारण की मांग को लेकर मध्यप्रदेश परिवहन कर्मचारियों ने भी गुरुवार को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। विभाग के 2000 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।