ऐसे में यूनीफार्म डीएल-आरसी के मामले में मध्यप्रदेश का पिछडऩा तय है। इस मामले केंद्र के अधिकारी भी मध्यप्रदेश सरकार को तत्काल आदेश जारी कर यूनीफार्म कार्ड बनाने के लिए रिमाइंडर भेज चुके हैं।
यह होना है बदलाव- अभी तक हर राज्य में डीएल और आरसी अलग-अलग होते। प्रत्येक राज्य ने अपने मुताबिक इनके कलर डिजाइन तय कर रखे हैं। लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब पूरे देश में डीएल और गाड़ी के आरसी का रंग और डिजाइन एक जैसा होना है। इसके साथ ही इन दोनों कार्ड में सिक्यॉरिटी फीचर्स के रूप में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड की व्यवस्था भी की लाएगी।
इससे देश में कहीं पर भी डीएल और आरसी को स्केन करके उसकी पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इन सिक्यूरिटी फीचर्स के जरिए किसी भी वाहन और ड्रायवर से जुड़ा पुराना रिकार्ड छिपाया नहीं जा सकेगा। इसमें उस वाहन या ड्रायवर के द्वारा हुई दुर्घटनाओं की भी जानकारी रहेगी। इन दोनों कार्ड को स्केन करके जानकारी डाउनलोड करने के लिए पुलिस को हैंडी ट्रेकिंग डिवाइस भी मुहैया कराई जानी है।
कहां फसा है पेंच- केंद्र सरकार के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के मोटर व्हीकल सेक्शन ने लगभग एक साल पहले प्रदेश सरकार को इस मामले में चि_ी लिखकर निर्देशित किया कि यूनिफार्म ड्र्रायविंग लाइसेंस और रजिस्टे्रशन सर्टिफिकेट के लिए राज्य शासन अपनी तैयारी कर ले। इसके बाद केंद्र द्वारा निर्धारित कलर, डिजाइन और फार्मेट को तैयार करके ग्वालियर स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा मंत्रालय में भेज भी दिया गया।
मंत्रालय में बैठे अफसरों लने यूनीफार्म डीएल-आरसी की प्रक्रिया तो शुरू कर दी, लेकिन फाइल परिवहन विभाग से पास होकर मुख्य सचिव के कार्यालय तक ही नहीं पहुंच पा रही है। हर अधिकारी इसमें अपने स्तर पर प्रक्रिया से जुड़े प्रश्न कर रहा है। डिप्टी सेके्रटरी और अंडर सके्रटरी स्तर पर फाइल तय अवधि से ज्यादा समय ले रही है।
केंद्र भेज रहा बार-बार रिमाइंडर- इस मामले में केद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय का एमवीएल (मोटर व्हीकल लाइसेंस) सेक्शन लगातार प्रदेश सरकार को रिमांडर भेज रहा है। २३ सितंबर को एमवीएल सेक्शन के डायरेक्टर पियूष जैन ने प्रदेश सरकार को चि_ी लिखकर तत्काल नई व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है।
मैं अभी बाहर हूं, आप विभाग के उप सचिव से बात कर लें, वो बता सकते हैं कि अभी फाइल किस स्थिति में है। – एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव परिवहन विभाग डीएल और आरसी को नए फार्मेट में लागू करने का मामला प्रक्रियाधीन है। हमने अभी फाइल परिवहन मंत्री को भेजी है उनका अनुमोदन होते ही इसे जारी करेंगे।
– आशीष भार्गव, उप सचिव परिवहन विभाग