किस तरह पुलिस में आधुनिक समय में सुधार लाया जाए और कैसे पुलिस को बोझ मुक्त बनाकर अपराध मुक्त शहर बनाया जाए इसको लेकर अलग-अलग 8 समितियों का गठन करने का भी सुझाव दिया है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि मैं पुलिस सुधार विषय पर काम कर रहा हूं, जिसमें देशभर के 30 विवि विद्यालय और संस्थान भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पुलिस काम के बोझ एवं तनाव से दबी हुई है, उसमें कार्य कौशल एवं इच्छा शक्ति का अभाव है।
पुलिस के कार्य बोझ और तनाव कम करना भी इस मिशन का एक उद्देश्य है। कृत्रिम इंटेलीजेंस व मशीन लर्निंग का उपयोग कर जहां भी साक्ष्य हों, उसकी पहचान कर इनका संग्रहण करना होगा।
चोरी जैसे अपराध को ऐसे रोका जा सकता है
जैसे चोरी अपराध कम करने के लिए इसकी रिपोर्टिंग होना चाहिए। ऑनलाइन और वर्चुअल पुलिसिंग के जरिए रिपोर्टिं होना आवश्यक है। पूरी तरह पुलिस की विवेचना पर भरोसा नहीं हो। ऐसे पॉवरफूल एप तैयार किए जाए, जिसके जरिए क्वालिटेटिव इन्वेस्टीगेशन की जा सके।
साक्ष्यों का संकलन, अपराध की हजारों संभावनों के आधार पर होना चाहिए, जो पुलिस नहीं करती। जितने भी साक्ष्य हो कोर्ट के सामने पेश किया जाए। इससे कोर्ट में भी अपराधी के बचने की गुजंाईश खत्म हो जाए। चैन ऑफ कस्टडी के रुप में साक्ष्य पेश किए जाए। इससे अपराध रोका जा सकता है।
इसका यह लाभ होगा
1. खर्चा लगभग शून्य है।
2. पुलिस का कार्य बोझ 10 फीसदी रह जाएगा
3. पुलिस तनाव मुक्त होगी
4. वह सभी साक्ष्य जो अब तक पुलिस के रडार व क्षमता से बाहर हैं वह एकत्रित किये जा सकेंगे।
4. हम लगभग सभी अपराधों में पतारसी कर पाएंगे।
5. हम लगभग सभी अपराधों में न्यायालय से सजा दिला पाएंगे।
6. भविष्य में पूर्व अनुमान लगाकर अपनी पुलिस को भेजकर उन अपराधों को घटित होने के पहले रोक पाएंगे।
7. हम अपराध पर आश्रित आबादी की पूर्व पहिचान कर उसे पुर्न व्यवस्थापित कर अपराधों में लिप्त होने से बचा सकेंगे।
8. हमें अपराध मुक्त भारत का सम्मान मिल सकेगा।
यह एक मिशन है। हर अपराध रोका जा सकता है। मेरे मिशन में सर्वज्ञता और कई ऐसे गुण शामिल है जो अपराध मुक्त शहर/भारत बना सकता है। इस पर मेरा काम चल रहा है। मैं मेरे काम के लिए प्रतिबद्ध हूं।
मैथिलीशरण गुप्त, स्पेशल डीजी, पुलिस सुधार