बाहर से आए अफसरों को मैदानी निरीक्षण कराने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने नगर निगम की पूरी टीम सुबह से ही होशंगाबाद रोड को चमकाने में जुटी रही। सुबह8.30 से 10.30 बजे के बीच होने वाले इस दौरे के जब एक घंटा लेट होने की खबर आई तो निगम के सफाई कर्मचारी चाय-पान की दुकानों पर सुस्ताने पहुंच गए। इसी दौरान आम दिनों की तरह कुछ सब्जी और फल वाले अपने ठेले लेकर सर्विस रोड और साइकिल ट्रैक पर आकर दुकानें सजाने लगे।
थोड़ी ही देर में नगर निगम के वायरलेस सेट पर अफसरों के आने का मैसेज चला तो आनन फानन में इन ठेले वालों को खदेडऩे लगे। तब तक अफसर मौके पर ट्रैक की असलियत देख चुके थे। हालांकि इस विजिट में बड़े शहरों के अफसर नहीं आए थे। केवल मंझौले शहरों के सीइओ ही यहां पहुंचे थे।
प्लांट को चालू करने जुटाया कच्चा माल : बिट्टन मार्केट में एक करोड़ रुपए की लागत से संचालित बायोमीथेनाइजेशन प्लांट को चलाकर दिखाने के लिए सब्जी और मांस-मछली मार्केट से भारी संख्या में कच्चा माल मंगवाया गया था। अफसरों के पहुंचने पर प्लांट को चालूकर एनर्जी प्रोडक्शन दिखाया गया। आम दिनों में ये प्लांट बंद रखा जाता है।
स्मार्ट रोड से नदारद दिखी हरियाली : तेज गर्मी के बीच सुबह11 बजे दल पॉलीटेक्निक चौराहे से डिपो चौराहे तक बनने वाली स्मार्ट रोड को देखने पहुंचा। हालांकि यहां अभी केवल रूट बना है, जिसका सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण का काम जारी है। पेड़ों को काटकर रोड चौड़ा करने के मामले में नगर निगम का सीपीए और वन विभाग से विवाद भी चल रहा है।
सदर मंजिल में काम जारी: हेरीटेज संरक्षण के नाम पर भोपाल सदर मंजिल को रीनोवेशन प्रोजेक्ट में शामिल कर चुका है। यहां पिछले दो साल से जीर्णोंद्धार चल रहा है और कई बार घटिया मटेरियल इस्तेमाल करने के आरोप भी निर्माण कार्य कर रही कंपनी पर लग चुके हैं। सीईओ के दल के सामने नगर निगम ने सदर मंजिल को शहर की सबसे प्राचीन इमारत बताया।
अतिक्रमणों के बीच प्लेस मेकिंग : अधिकारियों का दल न्यू मार्केट में संचालित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हश्र देखकर भी कुछ हैरान दिखा। यहां शी कार्निवल, हिंदी बैनर पोस्टर वाला मार्केट और पब्लिक प्लेस को आर्ट प्लेस में बदलने का दावा किया गया, लेकिन मौके पर जमे अतिक्रमणों ने खूब किरकिरी करवाई।
एबीडी फॉर्मूले में बोलेवार्ड स्ट्रीट : एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के नाम पर बाहरी सीइओ को बोलेवार्ड स्ट्रीट दिखाकर लौटा दिया गया। इससे पहले टीटी नगर को एबीडी फार्मूले में विकसित करने की बात हुई थी, लेकिन यहां अभी तक जर्जर मकान तक तोड़े नहीं जा सके हैं। एबीडी में ही सरकारी आवास शामिल कर दिखा दिए।
अतिक्रमणों को हटाने लगातार मुहिम चल रही है। शहर में रोज कहीं ना कहीं ये अभियान चलता रहता है। होशंगाबाद रोड मामले
की जानकारी ली जाएगी।
प्रियंका दास, निगमायुक्त
की जानकारी ली जाएगी।
प्रियंका दास, निगमायुक्त