किसानों को होगा फायदा
इन 768 अधिकारियों के सेवा में आने के बाद 52 जिलों के सभी 313 विकासखण्ड में किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और शासन योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। कृषि आदानों (agricultural inputs) की आपूर्ति के लिए भी ये मजबूत कड़ी हैं। अन्य विभाग भी अपनी योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में इनके माध्यम से ही ले जाते हैं।
33 साल पहले हुईं थी भर्ती
कृषि विभाग में 33 साल पहले वर्ष 1989 में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (आरएईओ) के पदों पर भर्ती की गई थी। पहली बार सीधी भर्ती की जा रही है। अभी साढ़े छह हजार खाली पदों में से करीब साढ़े तीन हजार पद पर ही अमला कार्यरत है। कई अधिकारियों के जिग्मे आठ गांवों के बजाय 18 गांव का दायित्व है।
पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर सत्यापन
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) ने इन अधिकारियों के पदों है के लिए आयोजित परीक्षा की प्रावीण्य सूची मार्च में जारी की थी। बरखेड़ी कलां स्थित राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र में 22-26 मार्च तक दस्तावेजों का मिलान और सत्यापन जारी है। पासपोर्ट कार्यालय के तर्ज पर ऑनलाइन नंबर जारी कर रोजाना 200 अभ्यर्थियों को बुलाया जा रहा है। अभ्यर्थियों को विभाग की ओर से अप्रेल में विकासखण्डों में नियुक्ति दे दी जाएगी।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ अध्यक्ष,मनोहर गिरि ने कहा कि इन अधिकारियों की भर्ती के बाद तीन दशकों से अधिक से काम कर रहे आरएईओ का पदोन्नति का लाभ दिया जाना चाहिए। आरएइओ को सर्वेयरों के बराबर वेतनमान दिया जाए। संघ इन्हीं मांगों को लेकर अपना वार्षिक सम्मेलन करने जा रहा है, जिसमें प्रदेशभर अधिकारी उपस्थित रहेंगे।