इस लापरवाही को शिवम ने उपभोक्ता फोरम में चुनौती दी। वह 2015 से ही इस प्रकरण में लड़ाई लड़ रहे थे। दिसंबर, में जाकर शिवम को न्याय मिला। अब ओला कैब कंपनी को आदेश दिया गया है कि वह शिवम को दो महीने के भीतर ट्रेन टिकट की राशि 875 रुपए दिनांक 27 अगस्त 2015 से पैसे देने की दिनांक तक 9 फीसदी की दर से ब्याज भी दे। साथ ही क्षतिपूर्ति हर्जाने के रूप में पांच हजार, कोर्ट खर्च के तीन हजार भी दिया जाए। आदेश में यह भी कहा गया है कि आदेश मिलने के दो महीने के भीतर पैसा दें, अन्यथा 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। उपभोक्ता फोरम में इस तरह का यह अनोखा मामला सामने आया है जिसमें ओला कैब की सर्विस कमजोर होने पर कंपनी को दंडित किया गया हैं।