इसका बड़ा कारण ट्रैफि क पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी भी है। नतीजतन मुख्य मार्गों पर दिनभर वाहनों की कतार लगी रहती है। यहां लगाए गए ट्रैफि क सिग्नल्स में से किसी की सोलर प्लेट खराब हो गई है तो किसी का टाइमर। ये स्थिति तब है जब पुराने शहर के हमीदिया रोड, बैरसिया रोड पर वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है।
पचास लाख में लगे थे सिग्नल
जानकारी के मुताबिक हमीदिया रोड पर पचास लाख रुपए की लगात से ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे, पर ये अब दम तोड़ चुके हैं। इन मार्गों से दो पहिया, चार पहिया वाहनों के अलावा यात्री बसों एवं लोफ्लोर बसों की आवाजाही दिनभर रहती है। सिग्नल ना होने से यहां हर रोज जाम की स्थिति बनती है। कई बार जाम तीन से चार घंटे तक लगा रहता है।
यहां लगता है जाम
पुराने शहर स्थित भारत टॉकीज, अल्पना टॉकीज, भोपाल टॉकीज चौराहा समेत नादरा बस स्टैंड चौराहे पर दिन में कई बार जाम लगता है। यहां ट्रैफि क सिग्नल्स बंद रहते हैं, ट्रैफि क को सुचारू बनाए रखने के लिए ट्रैफि क पुलिसकर्मियों की तैनाती भी यहां नहीं की जाती है। इसी तरह डीआइजी चौराहा और करोंद चौराहा भी ट्रैफि क जाम की समस्या से जूझ रहा है।
बिगाड़ा खेल
पुराने शहर की सडक़ों पर पसरा अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। दुकानदारों ने फुटपाथ पर दुकानें लगा रखी हैं, जिससे आवाजाही में दिक्कत हो रही है। यही नहीं अवैध निर्माण ने इस परेशानी को कई गुना बढ़ा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रैफि क पुलिसकर्मियों का पूरा ध्यान हेलमेट चेकिंग पर रहता है।
सुधार के गंभीर प्रयास नहीं हुए
पुराने शहर में ट्रैफि क व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कवायद बेकार साबित हो रही हैं। जिम्मेदार विभाग एवं अधिकारी इस ओर गंभीर प्रयास नहीं कर रहे हैं। ट्रैफि क सिग्नल्स महीनों से बंद हैं, पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
डीएस राजपूत, रहवासी, डीआईजी बंगला