scriptपहले के लगाए वर्टिकल वॉल गार्डन उजड़े, अब नए लगाने की तैयारी | Old vertical garden wall ruined, establishing new ones | Patrika News

पहले के लगाए वर्टिकल वॉल गार्डन उजड़े, अब नए लगाने की तैयारी

locationभोपालPublished: Jan 25, 2020 07:32:54 pm

– दो करोड़ रुपए की लागत से कवर किए जाएंगे 165 शहर के नाले – इन नालों पर नए वर्टिकल वॉल गार्डन विकसित करने की तैयारी- स्वच्छ भारत मिशन के तहत आनन-फानन में किया जा रहा काम- बाद में भी ध्यान दिया जाता तो नष्ट नहीं होते गार्डन के पौधे

पहले के लगाए वर्टिकल वॉल गार्डन उजड़े, अब नए लगाने की तैयारी

पहले के लगाए वर्टिकल वॉल गार्डन उजड़े, अब नए लगाने की तैयारी

भोपाल. सर्वेक्षण में तमगा पाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम की उद्यान शाखा वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार कर रही है। शहर में प्रमुख स्थानों पर नालों आदि की गंदगी को ढकने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। इससे गंदगी का लुक छिप जाएगा और हरियाली से फ्रेश लुक मिलेगा।
सवाल यह है कि पूर्व में भी इस प्रयोग पर लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन देखरेख के अभाव में जगह-जगह बनाए गए वर्टिकल गार्डन में कई जगहों पर पौधे खत्म हो गए तो कुछ जगह पूरी तरह नष्ट हो गए। कुछ स्थानों पर पौधों के साथ मिट्टी और खाद तक गायब हो गई। शहर में गुलमोहर कॉलोनी, एमपी नगर समेत कई स्थानों की वर्टिकल गार्डन वॉल का ऐसा हश्र हो चुका है।
शहर की वर्टिकल वॉल में छोटे गमलों में रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों वाले पौधे लगाने का कार्य संजय लैंडस्कैप सोल्यूशंस ने किया था। इस बार यह काम नगर निगम की उद्यान शाखा कर कर ही है।

पूर्व में रवीन्द्र भवन, शिवाजी चौराहा, महाराणा प्रताप चौराहा, स्मार्ट सिटी कार्यालय, दस नम्बर स्थित जोन कार्यालय, आकाशगंगा कॉलोनी के पास गुलमोहर समेत कई स्थानों पर वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार की गई थीं, लेकिन इनके मेंटनेंस और संरक्षण का प्लान कर जिम्मेदारी ही तय नहीं की गई।

इससे वर्टिकल गार्डन वॉल पर खर्च किए लाखों रुपए बेकार चले गए और शहर खूबसूरत की जगह बदसूरत लगने लगा। पत्रिका एक्सपोज संवाददाता ने नए और पुराने वर्टिकल गार्डन वॉल को कुछ स्थानों पर देखा। ये वॉल कहीं तो निराश कर रही हैं और कहीं उम्मीद जगा रही हैं।

वीर सावरकर सेतु नाला
हबीबगंज अंडरब्रिज के पास वीर सावरकर सेतु क्षेत्र में गुजर रहे नाले को छिपाने के लिए नगर निगम की उद्यान शाखा ने पुल पर दोनों ओर हाल ही में नई वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार की हैं। इस लंबी चौड़ी वॉल पर काले रंग के प्लास्टिक के गमलों में पौधे लगाए गए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नाले को छिपाने का प्रयास किया गया है, लेकिन अभी प्रॉपर हरियाली नहीं होने से यह उद्देश्य सफल होता नहीं दिख रहा है।

 

केन्द्रीय सरकार आवासीय परिसर के सामने
गुलमोहर क्षेत्र में केन्द्रीय सरकार आवासीय परिसर के सामने श्वेता कॉम्पलेक्स की तरफ एक वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार की गई थी। इस वर्टिकल गार्डन वॉल में करीब 250 पौधे लगाए गए थे। प्लास्टिक की अप्रयुक्त बोतलों से तैयार इस वर्टिकल गार्डन में पौधों की न तो सिंचाई की गई और न ही देखरेख। इस समय यह वर्टिकल गार्डन वॉल उजड़ी पड़ी है। एक भी पौधा जीवित नहीं दिख रहा। बोतलें तक उखड़कर गायब हो चुकी हैं।

जोन 09 कार्यालय, अरेरा कॉलोनी
इस कार्यालय परिसर में काफी बड़ी वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार की गई थी। इसे भी प्लास्टिक की यूज्ड वेस्ट बॉटल्स से तैयार किया गया था। यह वर्टिकल वॉल भी अनदेखी और लापरवाही की शिकार हो गई। यह वर्टिकल गार्डन वॉल भी उजड़ चुकी है। यहां तो नगर निगम के जोन स्तर के अधिकारी और कई कर्मचारियों का आवागमन रहता है, उसपर भी ऐसी अनदेखी की गई।

 

पहले हुए ये प्रयोग
वर्टिकल वॉल में डिनेलिया ग्रास- 612, स्क्रेटिया पर्पल- 1136, एरसिन रीप- 600, एस्परेगस स्प्रिंगेरी- 864, रोयो- 632 प्रजातियों के पौधे लगाए गए थे। गमलों में मिट्टी की जगह नारियल की भूसी, थर्माकोल आदि का खाद डाला गया ताकि गमलों में ज्यादा भार न पड़े और ये टूटें नहीं।

इनको हरा भरा रखने के लिए दिन में तीन-चार बार पानी देना था, लेकिन कई दिनों तक पानी नहीं दिया जा रहा है। शहर में इस तरह का यह पहला गार्डन था। नगर निगम अधिकारियों ने इन वर्टिकल गार्डन वॉल पर लगभग 10 लाख रुपए की लागत बताई थी।

कुछ वर्टिकल गार्डन स्मार्ट सिटी ने भी बनवाए, लेकिन उनका रखरखाव नहीं किया जा सका। गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी कार्यालय के शुभारंभ के समय बनाया गया वर्टिकल गार्डन एक महीने में ही सूख गया था।

इस गार्डन पर नगर निगम ने करीब 16 लाख रुपए खर्च किए थे। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका उद्घाटन किया था।

प्रवेश द्वार से लेकर मुख्य बिल्डिंग तक दोनों और बनाई गई आर्टिफिशयल वॉल पर प्लास्टिक के छोटे-छोटे गमलों मेें सजावटी पौधे लगाकर आकर्षक बाल बनाई गई थी। नगर निगम ने वर्टिकल गार्डन वॉल लगाने वाली कंपनी के ठेके में कहीं भी पौधों के मेंटनेंस और सिंचाई का जिक्र नहीं किया गया था। इससे रखरखाव पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी चल रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नालों को कवर करने के लिए नई वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार की जा रही हैं। पूर्व में खराब हुई वॉल की जानकारी बाद में दे सकूंगा। वैसे माता मंदिर, रोशनपुरा चौराहा, शिवाजी चौराहा, ज्योति टॉकीज आदि की वर्टिकल गार्डन वॉल इस समय ठीक स्थिति में हैं।
– मनोज मौर्य, असिस्टेंट कमिश्नर, उद्यान शाखा, नगर निगम

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