इस तरह की पट्टियां चौक बाजार, न्यू मार्केट, एमपी नगर समेत शहर के अन्य बाजारों में बनाई जा चुकी है, लेकिन एक में भी इनका पूरी तरह पालन नहीं हुआ। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा बाजार में आने वाले ग्राहकों को होता है। बाजार में पार्किंग से लेकर फुटपाथ और कॉरिडोर तक में दुकानदार अपनी दुकान बढ़ा लेते हैं। न्यू मार्केट में ही दुकानदारों ने 3 से 4 फीट तक दुकानें रोड पर बढ़ाई हुई है।
निगम प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की टीम ने 4 साल पहले इन दुकानों को हद में रखने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की थी। तत्कालीन अपर आयुक्त पीके जैन ने तो न्यू मार्केट में डेरा ही डाल दिया था, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। इसी तरह की कवायद तत्कालीन अपर आयुक्त कमल सोलंकी के नेतृत्व में एमपी नगर में हुई। यहां भी पीली लाइन से हद बनाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली।
मॉनिटरिंग बढ़े तो हदबंदी सफल
रिटायर्ड अपर कलेक्टर व पूर्व नगर निगम अपर आयुक्त वीके चतुर्वेदी का कहना है कि दुकानदारों को हद में रखने के लिए पीली पट्टी बनाने के बाद मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करना जरूरी है। इसके लिए अलग से जुर्माना भी तय हो सकता है। इससे प्राप्त राशि को उसी बाजार के विकास में खर्च किया जा सकता है। इससे दुकानदारों में भय बढ़ेगा और वे अपनी हद में रहेंगे। कॉरिडोर, फुटपाथ और पार्किंग को तो पूरी तरह से दुकान के सामान से मुक्त ही रखा जाना चाहिए।
रिटायर्ड अपर कलेक्टर व पूर्व नगर निगम अपर आयुक्त वीके चतुर्वेदी का कहना है कि दुकानदारों को हद में रखने के लिए पीली पट्टी बनाने के बाद मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करना जरूरी है। इसके लिए अलग से जुर्माना भी तय हो सकता है। इससे प्राप्त राशि को उसी बाजार के विकास में खर्च किया जा सकता है। इससे दुकानदारों में भय बढ़ेगा और वे अपनी हद में रहेंगे। कॉरिडोर, फुटपाथ और पार्किंग को तो पूरी तरह से दुकान के सामान से मुक्त ही रखा जाना चाहिए।
अभी कोई भी काम नहीं किया
नगर निगम में विधानसभावार अपर आयुक्तों को प्रभारी बनाया गया है। फिलहाल अभी कोई भी दिशा में काम नहीं कर रहा। अभी 10 नंबर में भी निगम आयुक्त के कहने पर पीली लाइन खींची गई।
नगर निगम में विधानसभावार अपर आयुक्तों को प्रभारी बनाया गया है। फिलहाल अभी कोई भी दिशा में काम नहीं कर रहा। अभी 10 नंबर में भी निगम आयुक्त के कहने पर पीली लाइन खींची गई।
दुकानदारों को उनकी हद में रहने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए निगम के कर्मचारी कार्रवाई भी करते हैं। हमारी टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।
– केएस सिंह, अपर आयुक्त
– केएस सिंह, अपर आयुक्त