एटीएम इस्तेमाल करने के चार्ज दोबारा शुरू होने से लोग परेशान नजर आ रहे हैं। एटीएम चार्ज से फ्री लिमिट खत्म होने के बाद डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस फीस में भी सरकार ने किसी तरह की छूट का ऐलान नहीं किया है।
भोपाल। 31 दिसम्बर 2016 तक एटीएम इस्तेमाल करने पर चार्ज नहीं लग रहा था। लेकिन एटीएम इस्तेमाल करने के चार्ज दोबारा शुरू होने से लोग परेशान नजर आ रहे हैं। एटीएम चार्ज से फ्री लिमिट खत्म होने के बाद डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस फीस में भी सरकार ने किसी तरह की छूट का ऐलान नहीं किया है। माना जा रहा था कि एटीएम ट्रांजैक्शंस पर सरकार 31 दिसंबर के बाद भी छूट को जारी रखेगी। लेकिन आरबीआई ने इस बारे में अभी कोई निर्देश जारी नहीं किया है। इसके चलते बैंकों ने एक बार फिर ट्रांजैक्शन फीस चार्ज करना शुरू कर दिया है।
नोटबंदी से अभी पूरी तरह राहत मिली भी नहीं थी और डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन से मिलने वाली छूट अब खत्म हो चुकी है। नोटबंदी से पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 5 ट्रांजैक्शंस के बाद प्रति ट्रांजैक्शन पर 15 रुपये की फीस वसूल रहे थे। इन तीनों ही बैंकों का अन्य बैंकों की तुलना में देश में एटीएम का बड़ा नेटवर्क है। इसके अलावा ज्यादातर अन्य बैंक प्रति एटीएम ट्रांजैक्शन 20 रुपये वसूल रहे थे।
स्थिति ठीक होने तक जरूरी है टैक्स माफी
भोपाल के रहने वाले मार्केट एक्सपर्ट मनोज सिंह मीक का कहना है कि कैश आसानी से उपलब्ध नहीं है। जरूरी है कि इस समय सभी एटीएम ठीक से काम करें। नोटबंदी के बाद खाली और खराब एटीएम्स सबसे ज्यादा दिक्कत पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा सरकार को डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर सब्सिडी को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि डिजिटल ट्रांजैक्शंस को लेकर सरकार का आग्रह है तो कस्टमर्स को ही उसकी पूरी कीमत क्यों अदा करनी चाहिए।
31 दिसंबर के बाद से एटीएम निकासी पर लग रहे टैक्स को लेकर भोपाल में कुछ बैंकों में आपत्ति दर्ज कराई गई है। सोमवार को एसबीआई की ब्रांच में साकेतनगर निवासी विवेक तिवारी ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी। वहीं बैरागढ़, सोनागिर, न्यू मार्केट, ओल्ड सिटी की कुछ बैंकों की ब्रांचों में भी लोगों ने एटीएम निकासी पर टैक्स कटने को लेकर विरोध दर्ज कराया था।
कैशलेस होने के लिए जरूरी है ट्रांजेक्शन टैक्स से छूट
एटीएम ट्रांजेक्शन और शॉपिंग के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर मिलने वाली छूट खत्म होने से सबसे ज्यादा प्रभाव उन लोगों पर पड़ रहा है जो अभी अभी कैशलेस होने की ओर आगे बढ़े थे। पीडब्ल्यूडी विभाग में काम करने वाले श्रीनिवास मिश्रा का कहना है कि 8 नवम्बर के बाद डेबिट कार्ड पर लगने वाला टैक्स अभी तक नहीं लग रहा था।
उनका कहना है कि इस वजह से शॉपिंग और ट्रांजेक्शन करने में कोई समस्या नहीं थी। लेकिन अब वही समस्या आ रही है, जो 8 नवम्बर के पहले थी। सरकार कैशलेस इकॉनमी की ओर आगे बढ़ने की बात कर रही है, दूसरी ओर कार्ड शॉपिंग पर लगने वाले टैक्स को फिर से लागू कर दिया गया है। ऐसे में तो लोग कैशलेस होने से कतराएंगे।