ये हुआ बारिश का असर
गेहूं के उठाव में 12 सोसायटियां पीछे हैं। बुधवार-गुरुवार हुई बारिश से मिसरोद, रापडिया, भदभदा, कोडिया, फंदा, टीलाखेड़ी, भैंसाखेड़ी, अमरावद, परवलिया सड़क, बैरागढ़ चीचली, गुनगा, रतुआ, रतनपुर, दिल्लौद, हर्राखेड़ा की सोसायटियों में बारिश का असर हुआ है। निगम सूत्रों का कहना है कि एफसीआइ ने सूखी सेवनिया पर रैंक प्वाइंट लगाकर 2500 टन गेहूं फ्रीज करने को कहा था, लेकिन गेहूं नहीं उठाया। इन सोसायटियों में 75 हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ है। इसका बाजार मूल्य अनुमानित 9 करोड़ रुपए के आसपास बैठता है। मप्र सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक केएल शर्मा से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया कि गेहूं का तेजी से परिवहन किया जा रहा है। बारिश से गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए बचाव किया जा रहा है।
विधायक रामेश्वर शर्मा ने गुरुवार को बगरोदा ( मिसरोद सेक्टर) पहुंचे थे। उन्होंने बारिश में पड़े गेहूं को लेकर नाराजगी जताई। 60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा गुरुवार दोपहर लगभग चार बजे 60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली तेज हवाआें के साथ बादल बरस पड़े। राजधानी में लगभग 10 से 15 मिनट तक विभिन्न इलाकों में बारिश का दौर चलता रहा। विभाग के अनुसार यह प्री-मानसून एक्टिविटी है। अगले एक से दो दिन तक एेसी ही स्थिति रह सकती है। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान 37.3 और न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस रहा।