भोपाल

चुनावी महामुकाबला में अकेले पडे शिवराज, मंत्रियों का भारी विरोध

भाजपा शिवराज की छवि को भुनाने में लगी

भोपालSep 16, 2018 / 01:31 pm

harish divekar

bjp

मध्यप्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने के लिए इस बार भाजपा का कांग्रेस से महामुकाबला होना तय है। जहां कांग्रेस गुटबाजी को खत्म कर मैदान में कमर कस के उतरने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर इस लडाई में भाजपा ने अकेले शिवराज को उतारा है।
शिवराज के मंत्रियों का जनता के बीच काफी विरोध होने के कारण उन्हें पिछे रखा गया है। एक दर्जन मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने विकास कार्यों को लेकर वादा तो किया लेकिन उनको समय पर पूरा नहीं करवा पाए। ऐसे में अब उन्हें अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
चुनाव में अपनी सीट बचाने के साथ-साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी मंत्रियों को उनके नजदीकी क्षेत्रों में भी जीत दिलवाने का जिम्मा सौंपा है। स्थानीय विरोध को देखते हुए मंत्री अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं।
यही कारण है वह शिवराज के साथ भी उनकी यात्रा में नजर नहीं आ रहे है। उज्जैन से 14 जुलाई को मुख्यमंत्री चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा शुरू की है।

अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के दौरान मात्र सात दिन के लिए इस यात्रा का पड़ाव रोका गया था। इन दिनों को छोड़ दिया जाए तो बाकी समय शिवराज रात के दो-ढाई बजे तक रथ सभाएं ले रहे हैं।
इन मंत्रियों का हो रहा विरोध
सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य ने सिंध का पानी लाने की योजना का वादा किया साथ ही 110 करोड़ की पेयजल योजना भी अभी तक अदूरी है। ऐसे में जनता के बीच उनको लेकर नाराजगी है। वहीं, मंत्री माया सिंह को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। मंत्री जयभान सिंह पवैया को लेकर कार्यकर्ताओं ने कई बार शिकायत की है। उनका व्यवहार काफी तल्ख है। ऐसे में चुनाव के समय उनसे काफी नाराजगी है। गौरीशंकर बिसेन, सूर्यप्रकाश मीणा, बालकृष्ण पाटीदार, शरद जैन, डॉ. गौरीशंकर शेजवार, रुस्तम सिंह, कुसुम महदेले, रामपाल सिंह, ओमप्रकाश धुर्वे भी शामिल हैं।

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