सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व कमलनाथ सरकार के 20 में से 3 मंत्रियों की स्थिति भी खराब है। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार में 28 मंत्री थे लेकिन इनमें से 8 मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बाद में पार्टी छोड़ गए थे। सूत्रों के मुताबिक सर्वे में बताया गया है कि इन मंत्रियों और अन्य विधायकों की उनके क्षेत्र में लोकप्रियता का ग्राफ पिछले कुछ समय में तेजी से गिरा है। यही कारण है कि अब इन सभी विधायकों को अपने—अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की सर्वे रिपोर्ट भी बेहतर नहीं है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति की स्थिति भी उनके विधानसभा इलाके में ठीक नहीं है. भोपाल उत्तर सीट से पूर्व मंत्री आरिफ अकील का परफॉर्मेंस तो बेहतर बताया गया है, लेकिन वे लंबे समय से अस्वस्थ हैं जिसके कारण उनका अगला चुनाव लड़ना ही मुश्किल है। इधर पूर्व मंत्री एवं भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक पीसी शर्मा ने मध्य क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। कहा जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट के बाद शर्मा यहां सक्रिय हुए हैं।
सबसे खास बात यह है कि सर्वे में पूर्व मंत्री व राऊ से विधायक जीतू पटवारी को भी कमजोर प्रदर्शन वाले विधायकों की सूची में बताया गया है। सूत्रों के अनुसार कमलनाथ ने एक बैठक में उन्हें सर्वे रिपोर्ट का हवाला देकर अपने क्षेत्र में ज्यादा फोकस करने की सलाह दी है।
सर्वे में पूर्व मंत्रियों में वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह, हुकुमसिंह, प्रियव्रत सिंह, लाखनसिंह यादव, ओमप्रकाश मरकाम, सुखदेव पांसे, उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह, पीसी शर्मा, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, तरुण भानौत, सचिन यादव, हर्ष यादव और सुरेंद्र बघेल की स्थिति अच्छी बताई जा रही है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के तीन दर्जन से ज्यादा विधायकों की स्थिति ठीक बताई जा रही है. सर्वे के अनुसार इनकी अपनी—अपनी सीटों से दोबारा जीतने की पूरी संभावना है। इनमें कांग्रेस सरकार में विधानसभा की उपाध्यक्ष रहीं हिना कांवरे भी शामिल हैं. सर्वे में उनकी विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रियता बरकरार बताई गई है।
हालांकि रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल करीब दो दर्जन ऐसे विधायक हैं, जो अब भी परफॉर्मेंस सुधार सकते हैं। ये विधायक लगातार जनता के बीच जाकर, सक्रियता बढाकर दोबारा अपनी स्थिति बेहतर कर सकते हैं। पार्टी ने इन विधायकों को अपनी स्थिति सुधारकर सीट बनाए रखने की पुख्ता तैयारी करने का मौका दिया है। बताया जा रहा है कि अब प्रदेश की सभी सीटों पर हर तीन माह में सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट बनाई जाएगी जिसके आधार पर ही आगामी चुनावों में टिकट दी जाएगी।