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राज्य में एक हजार कृषि उत्पादक समूह बनेंगे, हर किसान के पास होगा केसीसी

locationभोपालPublished: May 23, 2020 10:04:58 pm

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज सहित उनके हित में अन्य कई योजनाएं चलाई जा रही है। प्रत्येक किसान को किसान क्रेडिट कार्ड जरूर दिया जाए, जिससे वह जरूरत पडऩे पर कर्ज ले सके।

एमपी में पेंशनरों के खातों में 562 करोड़ रुपए डाले सरकार ने

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भोपाल। खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में सरकार ने काम शुरू किया है। इसके तहत एक हजार कृषि उत्पादक समूह बनेंगे। प्रदेश के प्रत्येक गरीब किसान को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्देश दिए। वे आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा कृषि, पशुपालन, सहकारिता, उद्यानिकी, मछुआ कल्याण आदि विभागों को घोषित पैकेज के संबंध में उच्च अधिकारियों के बैठक में समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज सहित उनके हित में अन्य कई योजनाएं चलाई जा रही है। प्रत्येक किसान को किसान क्रेडिट कार्ड जरूर दिया जाए, जिससे वह जरूरत पडऩे पर कर्ज ले सके। इससे वह साहूकारों के चंगुल में नहीं फंस पाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि अभियांत्रिकी के अंतर्गत केन्द्र सरकार के सुझाव अनुसार कस्टम प्रोसेसिंग योजना प्रारंभ की जाए। इसके अंतर्गत किसानों को उनके खेत पर ही अनाज की प्राइमरी प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग आदि की सुविधा प्रदान की जाए। इससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल पाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अंतर्राज्यीय व्यापार में ई-नाम पोर्टल का उपयोग किया जाए।
ऐसे बनेंगे समूह –
बताया गया कि प्रदेश में कृषि उत्पादक समूह बनाए जाने की नवीन केन्द्र पोषित योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक 1 हजार कृषि उत्पादक समूह बनाए जाने का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत अधोसंरचना विकास पर 2 हजार करोड़, शासकीय इक्विटी 15 लाख प्रति कृषक उत्पादक समूह तथा शासकीय क्रेडिट गारंटी 02 करोड़ रूपये प्रति कृषि उत्पादक समूह होगी। वर्तमान में प्रदेश में 6 हजार 857 किसान समूह कार्यरत हैं जिनसे 2.25 लाख किसान जुड़े हैं। इनके द्वारा बीज, ग्रीडिंग, प्रोसेसिंग, ट्रेडिंग, जैविक खेती, दुग्ध उत्पादन, सब्जी उत्पादन आदि का कार्य किया जाता है।
15 हजार करोड़ का फण्ड बनेगा –

केन्द्र शासन की घोषणा अनुसार प्रदेश में पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15 हजार करोड़ की लागत से पशुपालन अधोसंरचना विकास फण्ड बनाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.एन कंसोटिया ने बताया कि योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में पशुपालन क्षेत्र के निजी उद्यमियों को दुग्ध प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं पशु आहार अधोसंरचना में निजी निवेश के लिए बढ़ावा दिया जाए।
क्षेत्रीय मंडियों का नेटवर्क तैयार होगा –

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के पैकेज अनुसार 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आगामी दो वर्षों में औषधीय पौधों की खेती एवं विपणन के लिए क्षेत्रीय मंडियों का नेटवर्क तैयार किया जाना है। इस संबंध में कार्रवाई की जाए। बताया गया कि प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हर्बल खेती का विस्तार प्रस्तावित है।
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